आपातकाल की एक छोटी कहानी

25 जून, 1975 की वो रात कौन भूल सकता है जिसे खासतौर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ‘तानाशाही’ के रूप में जाना जाता है। आपातकाल का ये सारा किस्सा 1971 के लोकसभा चुनाव से शुरू हुआ था। दरअसल इस चुनाव में कांग्रेस ने भारी मतों से जीत हासिल की थी और इंदिरा गांधी ने अपने मुख्य विपक्षी राजनारायण सिंह को हराकर दूसरी बार प्रधानमंत्री का पद हासिल किया था।

शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन 4 साल के बाद अचानक राजनारायण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव परिणामों को चुनौती दे दी। उनकी दलील थी कि इंदिरा गांधी ने चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया, चुनाव में तय सीमा से ज्यादा पैसा खर्च किया और गलत तरीके से मतदाताओं को प्रभावित किया।

अपनी हार को देखते हुए इंदिरा गांधी ने संविधान को ताक पर रखते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति फ़खरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर देश में आपातकाल की घोषणा की थी।

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