राजस्थान में तीसरे मोर्चे की पुरजोर वकालत करने वाले हनुमान बेनीवाल को उनकी भतीजी ने ही चैलेंज कर दिया है. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद भी डॉ. अनीता बेनीवाल ने निर्दलीय ही पर्चा भर दिया है. हनुमान बेनीवाल के लि अब भाजपा-कांग्रेस के साथ-साथ अपने परिवार से भी चेतावनी मिलने लगी है.
डॉ. अनीता बेनीवाल ने पहले ही कहा था कि वो बीजेपी से टिकट चाहती है. और वसुंधरा राजे को अपना आइडल मानती हैं. उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें बीजेपी टिकट नहीं देती है फिर भी वो खींवसर से चुनाव लड़ेंगी. ऐसा ही हुआ जब तक अनीता बीजेपी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करती तबतक बीजेपी की ओर से सीट को लेकर नामों की लिस्ट तय हो चुकी थी. ऐसे में अनीता को टिकट नहीं मिला. अब वो निर्दलीय चुनाव लड़कर हनुमान बेनीवाल के लिए मुसीबत बन गई हैं.
हनुमान बेनीवाल खींवसर सीट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे. उन्हें लगता था कि यहां पर उनके खिलाफ कोई भी उतरने वाला नहीं है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस को तो छोड़िए उनके खिलाफ उनके बड़े भाई की बेटी ने ही ताल ठोंक दी. ऐसे में अब हनुमान बेनीवाल भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ अपने परिवार से कैसे निपटेंगे यह वाकई में काफी चुनौतीपूर्ण होगी.
ऐसे ही हालत रामेश्वर डूडी की है. उनके खिलाफ उनकी ही भांजी इंदु तरड़ ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है. डूडी पर उन्होंने नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए यह फैसला लिया है. अब देखना होगा कि ये राजस्थान के दिग्गज अपने घर में अपने ही परिवार से कैसे निपटते हैं.