अलग-अलग रोगों के उपचार हेतु मेथी का प्रयोग अनेक प्रकार से किया जाता है। जैसे- मेथी दाणा भिगोंकर उसका पानी पीना, उसे अंकुरित कर खाना, उबालकर उसका पानी पीना, सब्जी बनाकर खाना, विभिन्न अचारों, सब्जियों अथवा अन्य खाद्य पदार्थों के साथ पकाकर सेवन करना, मेथी दानों को चूसना, चबाना अथवा पानी के साथ निगलना, मेथी की चाय अथवा काढ़ा बनाकर पीना, उसका पाउडर बना पानी के साथ लेना, अथवा लेप करना, मेथी की पुड़िये बनाकर खाना अथवा पकवान बनाकर उपयोग करना इत्यादि, कई तरीकों से मेथी का प्रयोग हमारे घरों में होता रहता है।
गहरी और मीठी नींद लेन का जबरदस्त नुस्खा
कागज की चिपकाने वाली टेप पर मेथी दानों को चिपका कर हथेली के अंगूठें के नाखून वाले ऊपरी पोरवे में उस टेप को लगा दें जिससे अंगूठे को मेथी का स्पर्श होता रहे। 20 से 40 मिनट के बाद आपको ऐसी जबरदस्त नींद आने लगेगी। यह नुस्खा बहुत ही उपयोगी है और बहुत से लोगों ने इस नुस्खे को आजमाया है और लाभपाया है. इस चिकित्सा को मेथी स्पर्श चिकित्सा कहते हैं।
मेथी स्पर्श द्वारा विविध उपचार
• मेथी दानों को शरीर के दर्द वाले भाग पर लगाने से दर्द में तुरन्त राहत मिलती है।
• शरीर के कमजोर अंग पर लगाने से वह अंग पुनः सक्रिय और ताकतवर होने लगता है।
• जलन, सूजन, दाद, खुजली वाले स्थान पर मेथी लगाने से तुरन्त लाभ मिलता है।
• मेथी दानों को चूसते रहने से दांतों का दर्द ठीक होता है और गले संबंधित रोगों में आराम मिलता है। अन्तःस्रावी ग्रन्थियों एवं ऊर्जा चक्रों पर मेथी दाना लगाने से उसके आसपास जमे विकार दूर होने से उनकी सक्रियता बढ़ जाती है।
• हथेली और पगथली में मेथी दानों के मसाज से सारे शरीर से संबंधित एक्यूप्रेशर प्रतिवेदन बिन्दू सक्रिय होने लगते हैं। एक्यूप्रेशर के दर्दस्थ प्रतिवेदन बिन्दुओं पर मेथी स्पर्श से वहाँ जमें विजातीय तत्त्व दूर होने लगते हैं और एक्यूप्रेशर चिकित्सा बिना दर्द वाली स्वावलंबी प्रभावशाली उपचार पद्धति से हो जाता है।
• अंगूठे के ऊपर वाले पोरवे पर मेथी लगाने से चक्कर एवं सिर दर्द संबंधी विभिन्न रोगों में तुरन्त आराम मिलता हैं। रक्तचाप बराबर होने लगता है। तनाव, भय, अधीरता, क्रोध कम होने लगता है।
• रात्रि में सोते समय हाथ के अंगूठों के पहले पोरवे पर मेथी लगाने से अनिद्रा के रोग से छुटकारा मिलता है।
• मेथी का हल्का सा मसाज सीने पर करने से फेंफड़े मजबूत होते हैं। कफ, खांसी, दमा में आराम मिलता है।
• हृदय रोगियों के हृदय वाले स्थान पर मेथी दाणा लगाने से हृदय शूल और हृदय संबंधी अन्य विकार शीघ्र दूर होने लगते हैं।
• स्पलीन पर मेथी स्पर्श करने से मधुमेह ठीक होता है। शरीर में लासिका तंत्र बराबर कार्य करने लगता हैं। जिससे सूजन नहीं आती। आमाशय पर लगाने से पाचन अच्छा होता है। लीवर, पित्ताशय, गुर्दो, आंतों पर मेथी लगाने से संबंधित अंगों से विजातीय तत्व दूर होने लगते हैं और वे सारे अंग अपनी क्षमतानुसार कार्य करने लगते हैं।
• शरीर के जिस स्थान पर बाल हो और टेप से मेथी दानों का स्पर्श संभव न हों वहाँ मेथी का लेप कर उपचार किया जा सकता है।
• आग से जलने पर दानेदार मेथी को पानी में पीस कर लेप करने से जलन दूर होती है, फफोले नहीं पड़ते।
• मेथी का सिर पर लेप करने से बाल नहीं गिरते तथा गंजों के बाल आने लगते हैं। बाल अपने प्राकृतिक रंग में मुलायम बने रहते हैं। बालों की लम्बाई बढ़ती है।
• ताजा पत्तियों का पेस्ट रोज नहाने से पूर्व चेहरे पर लेप करने से चेहरे का रुखापन, झुरियाँ, गर्मी से होने वाले फोड़े फुन्सियाँ आदि ठीक होते हैं।
• पगथली के अंगूठों और अंगुलियों में मेथी लगाने से नाड़ी संस्थान संबंधी रोगों में शीघ्र राहत मिलती है।