फाइनेंशियल एक्सप्रेस में प्रकाशित विज्ञापन में बैंक ने इस बात की जानकारी दी है। बैंक ने कहा है कि उसने मुंबई के सांताक्रूज इलाके में स्थित 21,000 स्क्वेयर फीट के मुख्यालय को कब्जा लिया है। इसके अलावा दक्षिण मुंबई में स्थित नागिन महल के भी दो फ्लोर बैंक ने अपने नियंत्रण में कर लिए हैं। यस बैंक ने SARFESI ऐक्ट के तहत 22 जुलाई को यह कार्रवाई की है।
अनिल अंबानी की तरफ से 2,892 करोड़ रुपये का कर्ज न दे पाने के बाद बैंक ने यह कार्रवाई की। अनिल अंबानी के ग्रुप पर यस बैंक का कुल 12,000 करोड़ रुपये बाकी है। आपको बता दें कि इसी साल मार्च में प्रवर्तन निदेशालय से पूछताछ में अनिल अंबानी ने बताया था कि यस बैंक से उन्होंने जो कर्ज लिया है, वह पूरी तरिके से सेफ है। उन्होंने कहा था कि यस बैंक का वह पूरा कर्च चुकाएंगे, चाहे उन्हें इसके लिए अपनी संपत्तियां ही बेचनी पड़ें।
यस बैंक की तरफ से कर्ज बांटने अनियमितता के मामले में पूछताछ के दौरान अनिल अंबानी ने बताया था कि उनका बैंक के पूर्व डायरेक्टर राणा कपूर, उनकी पत्नी, बेटी या फिर उनके नियंत्रण वाली किसी कंपनी से कभी कोई भी सम्बन्ध नहीं रहा है। आपको बता दें कि मई महीने में ही प्रवर्तन निदेशालय ने राणा कपूर, उनकी बेटियों रोशनी कपूर, राधा कपूर और राखी कपूर के खिलाफ यस बैंक फ्रॉड केस में चार्जशीट दाखिल करवाई है।
इसके अलावा चार्जशीट में मॉर्गन क्रेडिट्स, यस कैपिटल और Rab इंटरप्राइजेज का भी जिक्र किया है। यस बैंक के निदेशक के तौर पर प्रशांत कुमार कार्यभार संभाल रहे हैं। इससे पहले प्रशांत कुमार एसबीआई के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर थे। प्रशांत कुमार ने 36 सालों तक एसबीआई में अपनी सेवाएं दी।
अनिल अंबानी के मुख्यालय का बैंक के नियंत्रण में जाना उनके अर्श से फर्श तक पहुंचने तक की कहानी है। 2008 में दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्श रहे अनिल अंबानी टेलिकॉम, पावर और एंटरटेनमेंट सेक्टर में बड़े घाटे के चलते लगातार कर्ज के दलदल में फंसते गए। इसी वर्ष फरवरी में ब्रिटेन में लोन के ही एक केस की सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी ने अपनी नेटवर्थ जीरो कही थी।