चांद पर मानव बस्ती बसाने के लिए नासा के वैज्ञानिकों ने उठाया कदम

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यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सलाहकार एडन कॉली का कहना है कि अगर हम वाकई चांद और मंगल ग्रह पर खोज को लेकर गंभीर हैं तो हमें कुछ तकनीकों पर अपनी पकड़ बनानी ही होगी। एडन का मानना है कि अंतरिक्ष यात्री बेलनाकार शेप के यान में रहेंगे लेकिन उन्हें चांद की सतह पर मौजूद रेडिएशन से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने चांद की भौगोलिक स्थिति को लेकर सावधान किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि एक मीटर गहरी रिगोलिथ दीवारों का इस्तेमाल चांद पर रेडिएशन से बचाने में मदद कर सकता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष यात्रियों को पहले कुछ साल बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करना होगा लेकिन कुछ सालों बाद एक स्थायी बेस बनने की संभावना काफी बढ़ जाएगी। क्योंकि चांद के साउथ पोल के पास लगातार सूरज की रोशनी और यहां सोलर पैनल बिजली उपलब्ध करा सकते हैं। इसके अलावा क्रेटर में बर्फ मौजूद होगी जिसे माइन करने के बाद सांस लेने के लिए ऑक्सीजन और फ्यूल के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जा सकता है। चांद का साउथ पोल को 14 दिन सूर्य की रोशनी मिलती है। उसके बाद अंधेरा हो जाता है। इस दौरान चांद साउथ पोल का तापमान काफी गिर जाता है।

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