बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स (सिनोफार्म यूनिट, चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप की सहायक कंपनी) ने इस वैक्सीन का संयुक्त रूप से बनाया है। नेशनल ब्रॉडकास्टर सीजीटीएन के अनुसार, वैक्सीन का पहले से ही अंतिम चरण में परीक्षण चल रहा है। नियामक की मंजूरी के लिए कई हजार लोगों पर इसका परीक्षण हो चुका है।
सीजीटीएन ने रिपोर्ट में बताया, “सिनोफार्म संयुक्त अरब अमीरात में तीसरे चरण में वैक्सीन का परीक्षण कर रही है और ऐसी उम्मीद है कि इसके लिए लगभग 15 हजार लोगों को लिया जाएगा। चीन में भी कुछ नए केस सामने आए हैं, जहां ट्रायल उनके ऊपर किया जा सकता है।”
वहां की सरकारी ग्लोबल टाइम्स क बात करते हुए लियू ने बताया कि चीन में सभी 140 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्र और जो शहरों में काम करते हैं उन्हें इस इंजेक्शन को लेना चाहिए और जो लोग तुलनात्मक तौर पर कम आबादी वाले ग्रामीण इलाकों में रहते हैं उन्हें इसे लेने की आवश्यकता नहीं है।