सरकार ने तीनो को सेनाओं को अनुमति दी है कि वे इमर्जेन्सी फण्ड से किसी एक प्रोजेक्ट पर 500 करोड़ रूपये खर्च कर सकती है |जानकारी के अनुसार सरकार ने सेना को वित्तीय शक्ति दी है, जिसके तहत सेना अपने लिए नए हथियार खरीद सकती है | इतना ही नहीं नए हथियारों के निर्माण कार्य में भी खर्च कर सकती है |
इसके लिए उन्हें सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी | उन्हें केवल रक्षा मंत्रालयों से इस मामले में सलाह लेनी होगी | बता दे देश के सुरक्षा बलों को ये ताकत उस समय दी है, जब देश के चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ रहा है |
बताया जा रहा है कि इस समय देश की तीनो सेनाये अपने लिए आवश्यक हथियारों और उपकरणों की सूची तैयार कर रही है | इतना ही नहीं इस बात पर पूरा जोर दिया जा रहा है, कि जब भी सेना को इनकी जरूरत पड़े तो उन्हें तुरंत ये हथियार और उपकरण उपलब्ध हो जाए |
बता दे साल 2016 में उरी हमले और 2019 में बालाकोट हमले के बाद भी सेना को इस तरह की ताकत प्रदान की थी | उस समय भारतीय सेना ने कई उपकरण और विमानों के कलपुर्जे खरीदे थे | उस दौरान वायुसेना ने जमीन से हवा में और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल खरीदी थी | इसके साथ ही थल सेना ने इज़राइल और अमेरिका से गोला बारूद और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल खरीदी थी |
जानकारी के लिए बता दे लद्दाख में चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है | 15 जून को चीन और भारतीय सैनिको के बीच हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे | ऐसे में सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है और साथ ही चीन के साथ लगती सीमा पर गश्त और निगरानी बढ़ा दी है |