बेटी की शादी में ‘क्रेटा’ (Creta) गाड़ी नहीं दे पाया जिसके लिए दहेज के लोभियों (Dowry covetous) ने मेरी बेटी को जहर देकर मार दिया। एक ऐसा ही मामले कि शिकायत बिलासपुर थाना क्षेत्र में विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों (Suspicious Circumstances) में मौत के बाद दर्ज करवाई गई है। पिछले साल 7 मार्च को गुरूग्राम पुलिस को 26 वर्षीय विवाहिता तनुजा की संदिग्ध मौत हो गई थी। मौके पर पहुंची पुलिस (Police) ने विवाहिता का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। जहां से पता चला कि विवाहिता की मौत जहरीले पदार्थ खाने से हुई थी।
34 आईपीसी के तहत दहेज का मामला दर्ज
मृतका तनुजा के परिजन ने इस बात की शिकायत थाने में दर्ज करायी। रपोर्ट दर्ज होने के बाद मामले की जानकारी के लिए पुलिस अपनी टीम के साथ जांच में लग गई है।
एसीपी क्राइम की मानें तो पुलिस ने इस मामले में 304-B दहेज हत्या, 498-A, यानी दहेज की मांग करना और 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तरी के प्रयास तेज कर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष 20 मई 2020 को मृतका तनुजा और खरखड़ी गांव के संदीप की शादी हुई थी। यह शादी लव कम अरेंज्ड मैरिज हुई थी। शादी में पिता ने बेटी को दहेज में सारा सामान दिया। लेकिन दहेज के लोभियों को शादी में क्रेटा गाड़ी चाहिए थी। गाड़ी नहीं देने पर संदीप और उसके घरवालें ने मृतका तनुजा को गाड़ी न देने पर ताने मारना शुरू कर दिया।
यहां तक कि ताने मारने के साथ ही शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के जरिए तनुजा पर जुल्म सितम करना शुरू कर दिया। बेटी ने इस बात की शिकायत अपने मायके में की। शिकायत पर करने पर बेटी के पिता और ससुराल वालों के बीच कई बार बताचीत हुई लेकिन संदीप और उसके घरवालों का रवैया नहीं बदला। वे उसी प्रकार गाड़ी की मांग करते हुए तनुजा पर जुल्म करते रहे। जिससे परेशान हो तनुजा की संदिग्ध मौत हो गई।
बैंक में एक्जीक्यूटिव पद पर तैनात थी तनुजा
मृतका तनुजा गुरुग्राम के हयातपुर इलाके के एचडीएफसी बैंक में एक्जीक्यूटिव पद पर कार्यरत थी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है. बता दें कि बीते दिनों अहमदाबाद की साबरमती नदी में डूबने वाली आयशा का मामला हो या फिर निजी बैंक में काम करने वाली तनुजा की बात हो हर साल दर्जनों विवाहिता युवती दहेज की आग में जल रही है। हर दिन दहेज से संबंधित घटना सुनने को जरूर मिलती है। कई ऐसे मामले थानों में दर्ज कराए जाते है। लेकिन सरकार ने दहेज को खत्म करने जैसा कोई कानून नहीं बनाया। यह अपराध दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है।