जानकारी के मुताबिक, बारात पश्चिम बंगाल से आई थी। ये शादी 22 मार्च को होनी थी, लेकिन उसी दिन पूरे देश में जनता कर्फ्यू लग गया है। सभी लोगों ने 23 मार्च को शादी करने का फैसला किया। हालांकि शादी तो हुई लेकिन 24 मार्च को ही पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया जिसके चलते सभी बारातियों को गांव में ही रुकना पड़ा। गांव में भी लोगों ने कोरोना से जंग जीतने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर बारातियों की सेवा की जा रही है।
लड़की के परिजनों ने बताया कि सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए सभी मेहमानों की सेवा कर रहे हैं। लॉकडाउन हटने के बाद ही लड़की और विदा करेंगे। फिलहाल लॉक डाउन में फंसे मेहमानों को किसी तरह से भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। परेशानी हो रही है, लेकिन कर्ज लेकर किसी तरह राशन-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। आपको बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को रोकते हुए 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है।