तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। इसकी अचूक मारक क्षंमता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते है कि इसमें 9 तरह के हथियार एक साथ लोड किए जा सकते हैं। तेजस में एंटीशिप मिसाइल, बम व रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। इतना ही नहीं… तेजस का यह तेज.. चाहे हवा से हवा हो … या.. जमीन से हवा.. या .. पानी से जमीन… कुल मिलाकर यह है कि पृथ्वी का कोई भी छोर क्यों न हो… यह दुश्मनोंं को पल भर में ही तबाह करने कुव्वत अपने् अंदर समेटे हुए हैं। इसकी सबसे अहम खासियत यह है कि यह कि इसमें हवा से भी ईंधन भरा जा सकता है। तेजस ऐसी तकनीक से भी लैस है, जो दुश्मनों की वार्तालाप क्षमता पर कुठाराघात कर सकता है। यह जैमर-प्रोटक्शन तकनीक से लैस है। तेजस में 42 फीसद कार्बन फाइबर, 43 फीसदी एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है। तेजस 2222 किमी प्रति घंटा है और यह अपने साथ 13500 किलोग्राम भी ला सकता है। तेजस 43.5 फीट लंबा और 14.9 फीट है। इसके आकार की बात करें तो यह आकार में छोटा व हल्का है।
बता दें कि भारतीय वायुसेना में तेजसी की एंट्री ऐसे समय में हुई है, जब चीन और पाकिस्तान के साथ लगातार तनाव अपने शबाब पर पहुंच सकता है। जहां एक तरफ भारत का पाकिस्तान के सा्थ हमेशा से तनाव बना रहता है, तो वहीं चीन के साथ भी अब रिश्ते बिगड़ चुके हैं। लिहाजा, अब इन सभी स्थितियों को मद्देनजर रखते हुए भारतीय सुरक्षा बेड़े में हुई तेजस की एंट्री से पाक व चीन अब सकते में आ चुके हैं। विदित हो कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा मामलों की संसदीय समिति ने 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी दी है।