आज हम बात करने वालें है एक ऐसी माँ के बारे में जिसने रातभर जाग-जाग कर सिलाई करके अपने दोनों बेटों को आईएएस ऑफिसर बना दिया. आइये जानते है माँ बेटों की संघर्ष भरी सच्ची कहानी
माँ बाप करते है सिलाई का काम
ये शानदार कहानी सुभाष कुमावत और राजेश्वरी देवी नाम के मेहनती जोड़े की है. आपको बता दें सुभाष कुमावत और राजेश्वरी देवी झुझनूं शहर के गुढ़ा मोड़ पर सिलाई का काम करते है, जहां एक तरफ पति सिलाई का काम करते है वहीं उनकी पत्नी बधेंज बांधने का काम करती है.
इनके पंकज कुमावत और अमित कुमावत नाम के दो बेटे है जिनका चयन सिविल सर्विसेज में हुआ है. बात करें इनकी पढाई लिखाई की तो बड़े बेटे पंकज कुमावत ने आईआईटी दिल्ली से मेकेनिकल में बीटेक किया है. इसके बाद इन्होने नोएडा में एक प्राइवेट कंपनी में कुछ समय तक अपनी सेवा भी दी है. वहीं छोटे बेटे अमित कुमावत ने भी दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया है. दोनों ने लगभग साथ में ही पढाई की है.
आईएएस बन किया बेटों ने किया माँ बाप का सपना पूरा
बता दें आईएएस अमित कुमावत और पंकज कुमावत के साथ उनके माता पिता भी चाहते थे कि उनके बेटे एक दिन बड़े अफसर बनें. चूँकि अमित और पंकज का जीवन बड़ी कठिनाईयों में गुजरा था, वो दिन रात अपने माँ बाप को सिलाई का कार्य करते देखते थे. इसी सपने को दिल में बसा कर दोनों भाई जीं जान लगाकर आईएएस की तैयारी में लग गए.
दोनो भाइयों ने साल 2018 के UPSC की परीक्षा में सफलता को अपने कदमों तले झुका लिया था. साल 2018 UPSC की परीक्षा में पंकज कुमावत ने 443 वीं रैंक तथा अमित कुमावत ने 600 वीं रैंक हासिल कर यूपीएससी की परीक्षा में अपने दावेदारी घोषित कर दीं.
अपनी सफलता का श्रेय अपने माँ बाप को देते हुए पंकज कहते है ”हम भली-भांति जानते हैं हमारे माता-पिता ने हमें कैसे पढ़ाया है. हमारे लिए पढ़ना बेहद सरल था, लेकिन हमारे माता-पिता के लिए हमें पढ़ाना बेहद कठिन कार्य था. वे हमारे लिए पुस्तकें, फीस तथा ऐसी ही दूसरी चीजों की व्यवस्था कैसे करते थे. इन सभी बातों को हम बहुत अच्छे से अनुभूति कर सकते हैं”
अगर आप भी जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना चाहते है तो अपने माँ बाप को गर्वान्वित ,महसूस कराना चाहते है तो लग जाइये जी जान से और तब तक मत रुकना जब तक अपने लक्ष्य को पा ना लों.