यह शिक्षक बीते 10 साल से मुजफ्फरनगर के एक प्राइमरी स्कूल में तैनात हैं। पुलिस की गिरफ्त में आये इस फर्जी अध्यापक की डिग्री पर संदेह होने के चलते एबीएसए ने बीते नौ माह पूर्व रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर के छपार थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित सिम्भालकी गांव के रहने वाले अनिल चौधरी नई मंडी कोतवाली इलाके के गांव बझेडी में एक प्राइमरी स्कूल में बतौर शिक्षक कार्यरत थे। उन्हें यह नौकरी करते हुए करीब दस वर्ष का लंबा समय बीत चुका था। पिछले तीन जुलाई 2010 को स्थानीय एबीएसए सदर योगेश शर्मा को उनकी बीएड की डिग्री पर संदेह हुआ, जिस पर एबीएसए ने उनके खिलाफ नई मंडी कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में पड़ताल शुरू की। इस केस की विवेचना एसआई विजयपाल अत्री कर रहे थे।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
विवेचक अत्रि के मुताबिक अध्यापक ने साल 2004-2005 की बीएड की डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षक नौकरी प्राप्त की लेकिन जब उनकी बीएड की डिग्री की सत्यता जानने के लिए आगरा यूनवर्सिटी से संपर्क साधा गया तो यूनिवर्सिटी ने लिखकर दिया कि उक्त शिक्षक ने उनके यहां से बीएड नहीं किया है। इसके बाद फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले अनिल चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अध्यापक का आईपीसी की धारा 420/467/468/471 में चालान कर दिया गया। अब आरोपी शिक्षक से 46 लाख की रिकवरी का शासन द्वारा नोटिस भेजी गई है।