पश्चिम बंगाल में अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए और बीजेपी से टक्कर लेने के लिए कांग्रेस पार्टी ने लेफ्ट का सहारा लेने का निर्णय किया है और इसे पूरी तरह से मंजूरी मिल चुकी है, यानी बंगाल में भी कांग्रेस महाराष्ट्र जैसा समीकरण साधना चाहती है जहाँ पर वो बीजेपी के विरोधी दलों जो उनके साथ में आ सकते है उनके साथ में देकर के चुनाव लड़ने की कोशिश करेगी और हो सकता है इससे उनको आने वाले चुनावों में कुछ फायदा भी मिल ही जाए.

अभी सीताराम येचुरी इसमें मुख्य सूत्रधार बनाये जा रहे है ऐसा माना जा रहा है जिनके कारण ये सब हो पा रहा है और ऐसे में अब क्या वाकई में ये पार्टियाँ मिलकर के कोई कमाल कर पाती है या फिर चीजे हाथ पर धरी के धरी रह जाती है ये तो आने वाला वक्त ही बता सकता है मगर अभी दो पार्टियाँ साथ में आ रही है तो बीजेपी के लिए ये थोडा सा अधिक मेहनत करवाने वाला काम जरुर हो जायेगा.
वही बात करे ममता बनर्जी की तो सूत्र बताते है कि बीजेपी से टक्कर लेने के लिए वो शरद पवार से मदद ले रही है और अपनी रणनीति बनाने की कोशिश कर रही है जिससे कि उनको कुछ हद तक जीत हासिल हो सके. यानी बीजेपी के आने से बंगाल में सब के सब इधर उधर भाग दौड़ने लग गये है.