गौरतलब है कि इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने गत 25 सितंबर, 2019 को एक संवाद कार्यक्रम के दौरान तीन तलाक पीड़िता और परित्यक्ता महिलाओं के लिए 500 रुपए महीने आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। यह सहायता पीड़िताओं को न्याय मिलने तक जारी रहेगी। इस योजना की खासियत यह है कि अन्य कल्याणकारी योजना की तरह इसमें भी कोई आय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। इस योजना के तहत अगर कोई भी महिला किसी तरह से पीड़ित है तो वह इसका लाभ पाने की हकदार है।
सूत्रों की मानें तो सरकार के निर्देश पर राज्य के विभिन्न जिलों से तलाक पीड़ित महिलाओं को चिन्हित किया जा चुका है, इसी आंकड़ों के आधार पर बजट में प्रावधान किया जाएगा। राज्य के जनपदों से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में तीन तलाक पीड़ित महिलाओं की संख्या 7 हजार के करीब है। इन आंकड़ों में उन महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है जो अपने साथ हुए अन्याय पर चुप बैठ गईं और कहीं कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। इस पर एक अधिकारी का कहना है कि शिकायत न दर्ज कराने वाली महिलाओं की संख्या भी काफी हो सकती है। लेकिन ऐसी महिलाओं तक पहुंचपाना काफी मुश्किल है। क्योंकि शिकायत न दर्ज होने की वजह से ऐसे लोगों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।