सीमा पर चल रहे तनाव के बीच लेह से दो सौ किलोमीटर दूर पूर्वी लद्दाख के चुमार-डेमचोक इलाके में भारतीय सेना ने पैदल सेना के साथ टैंक सीमा पर तैनात कर दिए हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) किसी भी गलतफहमी में न रहे हैं इसलिए भारतीय सेना दुश्मन को सबक सीखने के लिए तैयार है।
एलएसी पर चीनी सेना से मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना टी-72, टी-90 टैंकों के आलावा बीएमपी-2 इंन्फेंट्री कॉम्बेट व्हीकल तैनात है। इन टैंकों की खास बात यह है कि, इन्हे माइनस 40 डिग्री के टेम्परेचर में भी चलाया जा सकता है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में जमा देने वाली सर्दी पड़ती है, यहां सूरज ढलने के लिए साथ तापमान भी काफी नीचे चला जाता है जो सामान्य से भी 35 डिग्री कम हो जाता है। वहीं तेज सर्द हवाएं किसी की भी जान मुश्किल में डाल सकती हैं। सेना के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस भूभाग में टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और हथियारों का रखरखाव करना भी एक चुनौती है।
#WATCH Indian Army deploys T-90 & T-72 tanks along with BMP-2 Infantry Combat Vehicles that can operate at temperatures up to minus 40 degree Celsius, near Line of Actual Control in Chumar-Demchok area in Eastern Ladakh.
Note: All visuals cleared by competent authority on ground pic.twitter.com/RiRBv4sMud
— ANI (@ANI) September 27, 2020
विश्व में ऐसे क्षेत्र हैं, जहां ठीक ऐसे ही हालात हैं लेकिन वहां भी यंत्रीकृत बलों को तैनात किया गया है। उनके लिए भी सेना के लड़ाकू वाहनों, टैंक और भारी हथियारों का रखरखाव करना एक चुनौती है। इन कठोर क्षेत्रों में जवान और हथियार दोनों की देखभाल के लिए सेना द्वारा पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं। पूर्वी लद्दाख में तैनात बख्तरबंद मिनटों में दुश्मन को जवाब देते हुए एलएसी तक पहुंच सकते हैं। जो लंबे वक़्त लड़ाई लड़ने में भी सक्षम हैं।