भारत के खिलाफ चीन कर रहा यह बड़ी प्लानिंग, सीमा पर तैनात की होवित्जर मिसाइल

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14 जून 2020० से चल रहा भारत-चीन गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लद्दाख के गलवान घाटी में 14 जून को भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशो के बीच तनाव बरकरार है। हालांकि तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच अब तक नौ रॉउंड सैन्य वार्ता हो चुकी है, लेकिन तनाव जस का तस बना हुआ है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 3488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर से पीछे हटाने को तैयार नहीं है। अब खबर आ रही है कि चीन ने तिब्बत में मिसाइल इकाइयों और स्व-चालित होवित्जर के साथ तैयारी और मजबूत कर ली है।

वहीं भारत पीएलए कि गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चीन से लगी उत्तरी सीमाओं पर सर्विलांस क्षमता बढ़ाने जा रहा है। इसके साथ ही चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत चीन ने लगी उत्तरी सीमांओं पर बड़ी संख्या में ड्रोन, सेंसर, सैनिक सर्वेक्षण और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण तैनात करेगा, जो घुसपैठ का पता लगाने में सक्षम होंगे। भारत चीन सीमा को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक पीएल तीनों क्षेत्रों में पैंगोंग त्सो के फिंगर एरिया में नए निर्माण के साथ सैनिकों और भारी उपकरणों की तैनाती को नए सिरे से कर रहा है।

नए निर्माण कार्य भी दिखे

रक्षा मंत्रालय को मिले सबूतों पर नजर डाली जाये तो पूर्वी लद्दाख के चुमार में एलएसी के निकट स्थित शिकणे पीएलए कैंप के निकट 35 भारी सैन्य वाहनों और चार 155 एमएम पीएलजेड 83 सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर की तैनाती में लगा है जबकि एलएसी से 90 किमी दूर, पीएलए सैनिकों के लिए चार नए बड़े शेड और विभाजन क्वार्टर के पास वाहनों की भारी तैनाती और नए निर्माण कार्य देखे जा रहे हैं। रुडोक और शिक्नेह दोनों कब्जे वाले अक्साई चीन क्षेत्र में स्थित हैं।

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