उत्तर प्रदेश के विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर के परिसर में रविवार को विवाद हो गया। एक स्थानीय पंडा दर्शन-पूजा के लिए मंदिर परिसर में कुछ लोगों को जबरन ले जाने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान ही परिसर में तैनात पुलिस के जवानों से उसकी बहस शुरू हो गई। पुलिस द्वारा रोके जाने पर पुरोहित और पुलिस वालों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस वालों ने उसे पीट दिया। इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर इस वक़्त वायरल है।
बताया जा रहा है कि शनिवार और रविवार को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किसी को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है लेकिन जो श्रद्धालु बाहर से आये हुए हैं उन्हें सिर्फ मंदिर की सीढ़ियों तक जाने की ही अनुमति है। कोरोना गाइडलाइन के तहत मंदिर के अंदर कोई भी श्रद्धालु नहीं जा सकता है। इस विवाद की वजह प्रशासन द्वारा जारी किया गया नया नियम ही बना। बताया जा रहा है कि मामले को तूल पकड़ता देख 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं एक बार फिर योगी सरकार पर सोशल मीडिया पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लग रह है।
यूपी की जनता योगी आदित्यनाथ को ब्राह्मण विरोधी ऐसे ही नहीं कहती ?
मिर्जापुर के विंध्याचल मंदिर में कार्यरत ब्राह्मणों को जिस तरह से प्रशासन द्वारा योगी आदित्यनाथ के इशारे पर मारा जा रहा है, ऐसे घिनौने कृत्य से प्रदेश ही नहीं पूरे देश के ब्राम्हण आज लज्जित महसूस कर रहे हैं ! pic.twitter.com/5SywnjV9Mo
— Ajay Rai (@kashikirai) June 21, 2021
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं, जिसे देखते हुए मिर्जापुर पुलिस ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया है। पुलिस ने अपने ट्वीट में कहा है कि ‘शासन द्वारा निर्धारित कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक शनिवार और रविवार को मां विंध्यवासनी मंदिर बंद रहता है। मंदिर बंद रहने के बाद भी स्थानीय पंडा (पुरोहित) द्वारा दर्शनार्थियों को अपने साथ लेकर मंदिर के अंदर ले जाकर दर्शन करवाने के लिए ले जा रहा था। ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल द्वारा जब उसे रोका गया तो पंडा ने पुलिस से हाथापाई की, जिसके बाद फलस्वरूप पुलिस द्वारा भी बलपूर्वक उन्हें रोका गया। पूरे मामले की क्षेत्राधिकारी नगर द्वारा जांच कराई जा रही है।