मकर संक्रांति का पर्व ना सिर्फ अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, बल्कि नेपाल में भी इसे धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल के रूप में मनाया जाता है, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में इसे केवल ‘संक्रांति’ कहते हैं| इसी दिन से अलग-अलग राज्यों में गंगा नदी के किनारे माघ मेला या गंगा स्नान का आयोजन किया जाता है|
सामग्री
- सफेद तिल १ प्याला
- बादाम चौथाई बड़े चम्मच
- गुड़ तीन चौथाई प्याला
- पानी चौथाई प्याला
- घी आधा छोटा चम्मच
बनाने की विधि
कड़ाही को गरम करें। अब इसमें मध्यम आँच पर सफेद तिल को भूनें। भूनते समय तिल चटकता है तो थोड़ा ध्यान से भूनना चाहिये। इस प्रक्रिया में लगभग ५ मिनट का समय लगता है। बादाम को भी मध्यम आँच पर हल्का सा भून लें। ठंडा होने पर ग्राइंडर में दरदरा पीस लें। बादाम के छिलकों में बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं इसलिये इस व्यंजन विधि में उन्हें हटाया नहीं गया है। एक नॉन-स्टिक कड़ाही में पानी और गुड़ को उबालें। जब गुड़ पानी में अच्छी तरह मिल जाए तो इसमें आधा छोटा चम्मच घी डालें और लगभग २ मिनट के लिए और पकाएँ। गुड़ का शीरा थोड़ा गाढ़ा हो जाना चाहिए। इस चाशनी में भुना तिल और दरदरा पिसा बादाम डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। आधे मिनट के लिए लगातार चलाते हुए पकाएँ, फिर आँच बंद कर दें। मिश्रण को थोड़ा ठंडा होने दें। जब मिश्रण थोड़ा गरम है तभी अपनी हथेली को ज़रा सा घी लगाकर चिकना करें, लगभग एक बड़ा चम्मच तिल का मिश्रण हथेली में लेकर उसे दूसरे हाथ की उँगलियों की सहायता से गोल करें और लड्डू का आकार दें। स्वादिष्ट तिल के लड्डू तैयार हैं।
टिप्पणी
ये लड्डू अधिक मात्रा में भी बनाकर रखे जा सकते हैं क्यों कि ये कई सप्ताह तक खराब नहीं होते। तिल का मिश्रण ठंडा होते ही एकदम कड़ा हो जाता है, तो लड्डू जल्दी बाँधने होते हैं। अगर मिश्रण ठंडा और कड़ा हो गया है तो आप कुछ बूँद पानी की डालकर मिश्रण को गरम करें और फिर लड्डू बाँधें। तिल के लड्डू बांधने में थोड़ी परेशानी होती है क्योंकि यह चिपकते बहुत हैं. इसलिये हाथ को ठंडे पानी से तोड़ा गीला करलें, फिर लड्डू बाँधें तो ये आसानी से बँधेंगे।