लगातार प्रयास करने के बाद कई लोग सफल नहीं होते। जिसके बाद उनकी हिम्मत टूट जाती है। और वह अपनी मंजिल बदल देते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो कितनी बार भी असफल हो जाए, प्रयास करना नहीं छोड़ते। ऐसे ही लोगों में कैलाश सेन का नाम शामिल है। जो 11 बार असफल होने के बाद भी निराश नहीं हुए। हालांकि इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। आज कैलाश सैन सरकारी स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत है।
11 बार प्रयास करने के बावजूद रहे असफल
कैलाश सैन राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के गांव बीदासर के रहने वाले हैंं। कैलाश ने 20 साल पहले ग्रेजुएशन और 13 साल पहले संस्कृत में शास्त्री की उपाधि हासिल कर ली। इसके बाद सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करने लगे। बार-बार टेस्ट भी देने लगे। 11 बार प्रयास करने के बाद 12वीं बार उन्हें सफलता का स्वाद मिला।
मंजिल के करीब पहुंचकर हो जाते असफल
कैलाश ने दूसरे और तीसरे श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर टेस्ट दिया। लेकिन वह असफल हो गए। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। लगातार प्रयास करते रहे। बार बार वह कु छ नंबरों से चूक जाते। कैलाश के परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। आर्थिक तंगी से परेशान होकर वह खाड़ी देश में मजदूरी करने के लिए चले गए। मजदूरी करने के दौरान वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में जुटे रहे। विदेश में चार साल नौकरी करने के बाद वह अपने गांव वापस आ गए।
11वी परीक्षा में भी रहे असफल
कैलाश ने वर्ष 2018 में रीट दिया। यह उनकी 11वी बार परीक्षा थी। लेकिन इसमें भी वह सफल नहीं हो सके। 11वी बार फेल होने के बाद भी उन्होंने घुटने नहीं टेके। उन्होंने फिर से इम्तिहान दिया। वर्ष 2020 में वह शिक्षक बनने में सफलता हासिल की। इस सफलता का स्वाद उन्होंने अपने 12वे प्रयास में चखा। कैलाश को राजस्थान के पुननी के स्कूृल में पोस्टिंग दी गई। कैलाश सेन बताते है कि अभी तक वह पांच बार थर्ड ग्रेड, 4 बार सैकेंड और दो बार फस्र्ट ग्र्रेड शिक्षक भर्ती घोटाले में असफल हो चुके हैं। कैलाश अपनी विफलता को ही अपनी ताकत मानते हैं। वह कहते है कि विफल होने के बाद व्यक्ति को प्रयास नहीं छोडऩे चाहिए।