आने वाले कुछ दिनों में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल, 2021 को मोदी कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। अगर ऐसा हो जाता है तो इस प्रकिया में उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन ठीक उसी तरह बदल पाएंगे जिस तरह मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट कर सकते हैं। ठीक उसी प्रकार बिजली उभोक्ताओं को बेहतर सुविधा मिली तो कंपनियों में प्रतिस्पर्धा का भी उन्हें लाभ मिलेगा।
सरकार के एक सूत्र ने कहा, ”बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 को अगले कुछ दिन में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने विचार और मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। सरकार चाहती है कि इस विधेयक को संसद के मॉनसून सत्र में लाया जाए। लाने का है। मॉनूसन सत्र 13 अगस्त, 2021 को संपन्न होगा। लोकसभा के 12 जुलाई, 2021 को जारी बुलेटिन के अनुसार, सरकार ने मौजूदा संसद सत्र में जिन नए 17 विधेयकों को पेश करने के लिए लिस्ट बनाई है उनमें बिजली (संशोधन) विधेयक भी शामिल है।
बुलेटिन में कहा गया है कि बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधनों से वितरण व्यापार से लाइसेंसिंग खत्म होगी और इसमें प्रतिस्पर्धा आएगी। साथ ही इसके तहत प्रत्येक आयोग में कानूनी पृष्ठभूमि के सदस्य की नियुक्ति जरूरी होगी। इसके अलावा इसमें बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण (एप्टेल) को मजबूत करने और नवीकरणीय खरीद प्रतिबद्धता (आरपीओ) को पूरा नहीं करने पर जुर्माने भी हो सकता है।
बताया जा रहा है कि महर्ष देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने के बाद सीएम योगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘5 से 7 वर्ष पहले यह कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि देवरिया में भी मेडिकल कॉलेज होगा। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के हम आभारी हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना प्रारंभ किया। इससे देवरिया में भी हमें मेडिकल कॉलेज खुल सका। सीएम ने बताया कि देवरिया मेडिकल कॉलेज की लागत 208 करोड़ रुपए है, जिसमे से 155 करोड़ रुपए खर्च कर लिए गए हैं। बकाया काम को भी जल्द से जल्द 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। फैकेल्टी के नियुक्त की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, वहीं सपोर्टिंग स्टाफ भी पर्याप्त हैं। सीएम ने बताया कि मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइन मुताबिक ही यहां सब कुछ है।