हिंदूधर्म में भगवान के प्रति लोगों में ज्यादा आस्था देखने को मिलती है। यहां काफी संख्या में जगह-जगह मंदिर पाए जाते है। बहुत से मंदिरों की तो अपनी अलग-अलग रहस्यमय कहानियां है। अगर हम भारत से मंदिरों को निकाल दें तो यहां कुछ नहीं बचेगा। आज हम आपको राजस्थान के ऐसे ही रहस्यमयी मंदिर के बारें में बताने जा रहे है जिसको सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इस मंदिर में शाहद ही कोई श्रद्धालु शाम होने के बाद रूका होगा। कोई यहां ठहरने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाता।
हम जिस रहस्यमयी मंदिर की बात कर रहे है वो राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) जिले में है। इस मंदिर को ‘किराडू मंदिर’ (Kiradu Temple) के रूप में लोगों के बीच प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि 1161 ईसा पूर्व में इस जगह का नाम ‘किराट कूप’ था। राजस्थान में होने के बावजूद इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में करवाया गया। यह मंदिर को लोग राजस्थान का खजुराहो के नाम से भी जानते हैं।
यह पांच मंदिरों से मिलकर बना हुआ है। इस श्रृंखला के ज्यादातर मंदिर अब खंडहर बन गए है। इनमें से शिव मंदिर और विष्णु मंदिर के हाल कुछ सही है। इस मंदिर को किसने बनवाया था इस बारे में अभी ज्यादा कोई जानकारी नहीं। हालांकि मंदिर निर्माण को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं जरूर हैं।
इस मंदिर को लेकर लोगों में एक खौफ नाक घटना ने आज भी डर पैदा कर रखा है। कहा जाता है कि कई साल पहले एक साधु अपने शिष्यों के साथ इस मंदिर में पहुंचे थे। एक दिन उन्होंने शिष्यों को मंदिर पर छोड़ खुद कहीं घूमने निकल गए। तभी अचानक एक शिष्य की तबीयत अचानक से खराब हो गई। शिष्यों ने गांव के लोगों से सहायता मांगी, लेकिन किसी ने भी उनकी मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया। जब यह बात साधु को पता लगी तो वह काफी नाराज हुए और भड़क गए। तभी उसी समय साधु ने गांव को लोगों को श्राप दिया कि शाम होने के बाद सभी लोग पत्थर बन जाएं।
लोक कथाओं के मुताबिक एक महिला ने साधु के शिष्यों की सहायता की थी। इस बात से साधु प्रसन्न हुए और उस महिला से कहा था कि शाम होने से पहले वह गांव छोड़कर चली जाए और हां जबतक गांव के बाहर ना निकल जाना तब तक पीछे मुड़कर नहीं देखना। महिला जब जा रही थी तो कौतुहलवश पीछे मुड़कर देख लिया। जिसकी वजह से वह भी इंसान से पत्थर की बन गई।
आज भी आप अगर वहां जाएंगे तो देखेंगे कि उस महिला की मूर्ति मंदिर के पास ही स्थापित है। साधु इस श्राप की वजह से आस-पास के गांव के लोगों में दहशत फैल गई। तभी से लोगों में यह डर बैठ गया कि जो भी इस मंदरि में शाम के समय रूकेगा वह शख्स पत्थर का बन जाएगा। यही कारण है कि कोई भी शाम होने के बाद इस मंदिर में ठहरने की हिम्मत नहीं करता।