शादी के बाद लड़की ही अपना घर छोड़कर लड़के के घर क्यों जाती है| सुनने में अटपटा लग रहा होगा,क्योंकि आज तक यह सवाल कभी भी नहीं पूछा गया| दुनियाभर में सभी धर्मों में ऐसा ही होता है| शादी के बाद वधू,वर के घर जाती है| अगर किसी आम सोच वाले व्यक्ति से यह सवाल पूछा जाए,तो उसका यह जवाब होगा,कि लड़की मायके की अमानत होती है| लेकिन ऐसी मान्यताएं कैसे बनी| जब हमने इस पर शोध किया,तो हमें बहुत ही हैरानीजनक बातें देखने को मिली|
शादी के दिन निभाई जाने वाली कन्यादान की रसम हमें इस सवाल का उत्तर देती है| कन्यादान करते समय पिता अपनी पुत्री को ही दान नहीं करता,बल्कि उसकी सारी जिम्मेदारियों को भी उसके पति को देता है| इसके साथ ही पिता एक वचन देता है,कि “मैंने अपनी पुत्री को अच्छे संस्कार दे कर बड़ा किया है और अपना प्रत्येक धर्म निभाया है,अब यह उसके दूल्हे की अमानत है|
धर्म के अनुसार एक पति का कर्तव्य होता है,कि वह अपनी पत्नी की हर एक जरूरत का ख्याल रखें| मानव ग्रंथ के अनुसार एक पत्नी की जिम्मेदारी बन जाती है,कि वह शादी के बाद अपने पति के घर जाए और अपने ससुराल को हर प्रकार का सुख दे| इन वैदिक तथ्यों के आधार पर यह रिवाज बनाया गया है|