लेडी अफसर ने क्यों किया सुसाइड? कभी अपराधियों को धूल चटाने के लिए थी मशहूर

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लेडी सिंघम के नाम से मशहूर दीपाली चव्हाण मोहिते ने बीते दिनों आत्महत्या कर ली। दीपाली महाराष्ट्र के अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व में महिला रेंज ऑफिसर के तौर पर तैनात थी। दीपाली ने आत्महत्या के दौरान एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। सुसाइड नोट में उन्होंने भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पर यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना देने का आरोप लगाया। इसके बाद यह मामला पुलिस महकमे से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में गरमाने लगा।

28 साल की आरएफओ दीपाली चव्हाण मोहिते ने 25 मार्च गुरुवार को देर रात अपने सर्विस रिवाल्वर से टाइगर रिजर्व के पास हरिसल गांव में अपने सरकारी क्वार्टर में खुद को गोली मार ली थी। गोली से उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद महाराषट्र सरकार ने भारतीय वन सेवा अधिकारी को इस मामले में निलंबित कर दिया।

मालूम हो कि दीपाली चौहान ने आत्महत्या के सुसाइड नोट में पूर्व अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक के साथ-साथ मेलघाट टाइगर रिजर्व के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक निदेशक एमएस रेड्डी का भी नाम लिखा था। लेडी सिंघम की आत्महत्या के बाद महिला एवं बाल कल्याण मंत्री यशोमती ठाकुर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस मामले में फोन किया और एक ज्ञापन सौंपकर इस मामले में शामिल उन सभी लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की।

दीपाली चव्हाण ने अपने सुसाइड नोट में अपनी पूरी आपबीती बयां की थी। उनका यह सुसाइड नोट एमएस रेडी को संबोधित था। हरिसाल डिवीजन में आने से पहले दीपाली धूलघाट में तैनात थी। जब उन्हें पता चला कि उनका ट्रांसफर हरिसाल में होने जा रहा है तो वह बेहद खुश थी। दीपाली ने अपने लेटर में लिखा कि वह इसलिए खुश थी क्योंकि उन्हें शिवकुमार के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिलने जा रहा था। अपने प्रोबेशन पीरियड में वे शिवकुमार से काफी प्रभावित हुई थी, लेकिन जल्द ही उन्हें शिवकुमार का असली चेहरा अपने कार्यकाल के दौरान नजर आ गया।

अपने सुसाइड लेटर में दीपाली ने बताया है कि शिवकुमार सबके सामने उन्हें गालियां देता था। हर काम में जबरदस्ती की गलतियां निकालना और बात-बात पर बदतमीजी करना, शॉ कॉज नोटिस देना, उन्हें सस्पेंड करने की धमकी देना यह उनकी आदत का हिस्सा थी। यह सब इसलिए क्योंकि दीपाली ने उनके साथ सोने से मना कर दिया था। दीपाली ने अपने सुसाइड लेटर में यह भी बताया है कि शिवकुमार अक्सर रात में फोन करके अपने कमरे पर बुलाता था, अश्लील बातें करता था, गालियां देता था। दीपाली इन सभी बातों के चलते मांसिक तौर पर परेशान थी।

दीपावली ने लिखा कि उनके बार-बार मना करने के बावजूद भी शिवकुमार हमेशा यह हरकतें करता रहता और वह धीरे-धीरे उनसे चढ़ने लगा था। ऐसे में एक बार शिवकुमार ने दीपाली को 3 दिन तक मालूर गांव के कच्चे रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर दिया था। इस दौरान दीपावली प्रेगनेंट थी। ऐसे में 3 दिनों तक लगातार चलने के कारण उनका मिसकैरेज हो गया था। दीपाली अभी इस हादसे से उभरी भी नहीं थी कि शिवकुमार उन्हें दुबारा परेशान करने लगा था।

इतना ही नहीं उनके इमोशनल ड्रॉमा से गुजरने के बावजूद भी उन्हें छुट्टी नहीं दी गई थी। दीपाली चव्हाण ने अपनी आत्महत्या के फैसले के लिए पूरी तरह शिवकुमार को जिम्मेदार ठहराया है। दीपाली ने लिखा है कि शिवकुमार के उत्पीड़न के कारण उनकी मानसिक हालत लगातार खराब हो रही है। शिवकुमार ने केवल उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित नहीं किया, बल्कि आर्थिक तौर पर भी नुकसान पहुंचाया है।

मालूम हो कि दीपाली चव्हाण-मोहिते एक बेहद साहसी महिला थी। उन्हें बुलेट मोटरसाइकिल चलाना पसंद था। वह अपने काम के चलते हमेशा सुर्खियों में छाी रहती थी। उन्होनें कई बार पेड़ों की कटाई कर रहे तस्करों को खदेड़ा था।

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