चीनी सेना फिंगर-4 इलाके से हटी है मगर फिंगर-5 से लेकर फिंगर-8 तक का इलाके पर वह अभी भी अपने पैर जमाए है। सैन्य कमांडरों की 14 जुलाई को हुई मैराथन बैठक में पैंगोंग इलाके के गतिरोध पर खास तौर पर वार्ता हुई थी। इसमें दोनों सेनाओं ने टकराव कम करने और पीछे हटने पर सहमति जाहिर की थी। वह सहमति पैंगोंग इलाके में जमीन पर उतरती नहीं दिख रही है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि चार इलाकों गलवान घाटी, गोगरा, हाट स्प्रिंग्स और फिंगर-4 से भले ही चीनी सेना पीछे हट गई हो मगर पूरा फिंगर इलाके से उसका पीछे हटना बहुत ही अहम है। डेपसांग में भी चीनी बलों की ज्यादा संख्या में तैनाती चिंताजनक है। सुरक्षाबलों की चिंता फिंगर इलाके को लेकर है जहां वह भारतीय दावे वाले क्षेत्रों में चीनी सेना है। सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे पर चीन के ठंडे रुख के चलते अगले कुछ दिनों में सैन्य या कूटनीतिक स्तर पर कुछ और बैठक होने की संभावना बनी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में चीनी सेना पीछे हटी है, वहां से और पीछे हटने पर भी सहमति पिछली बैठकों में बनी है मगर इस दिशा में भी कोई प्रगति नहीं हुई है। असल में, चीनी सेना गलवान घाटी, गोगरा, हाट स्प्रिंग्स आदि क्षेत्रों में लगभग दो-तीन किमी पीछे हटी हुई है मगर जहां उसकी मौजूदगी है, वहां से भी उसे पीछे हटना है। इस बात पर पिछली बैठक में सहमति भी बनी थी।