साइबर क्राइम के लिए स्वयंसेवक रखने जा रही है सरकार, लोगों की गतिविधियों पर रहेगी नज़र

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अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि गृहमंत्रालय के साइबर क्राइम सेल ने वालंटियर भर्ती करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसके तहत साइबर स्वयंसेवक अवैध कंटेंट की रिपोर्ट सरकार को दे सकेंगे।

ये साइबर स्वयंसेवक तीन तरह से पंजीकृत होकर साइबर क्राइम में पुलिस की मदद करेंगे। पहली श्रेणी में साइबर स्वयंसेवक गैरकानूनी सामग्री ध्वजवाहक- चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बलात्कार/ समूहिक बलात्कार, आतंकवाद, कट्टरपंथी, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों आदि जैसे ऑनलाइन अवैध सामग्री की पहचान करके सरकार को रिपोर्ट करेंगे।

 भर्ती प्रक्रिया क्या होगी साइबर क्राइम स्वयंसेवको की

दूसरी श्रेणी में स्वयंसेवक अवेयरनैस प्रमोटर– नागरिकों के बीच साइबर अपराध के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए है जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग, ग्रामीण आबादी आदी कमजोर समूह शामिल हैं। तीसरी श्रेणी में एक्सपर्ट स्वयंसेवक होंगे- जो साइबर क्राइम, नेटवर्क फोरेंसिक,  मालवेयर एनालिसिस, मेमोरी एनालिसिस, क्रिप्टोग्राफी आदी के विशिष्ट डोमेन से निपटने में सरकार की मदद करेंगे।

इन साइबर स्वयंसेवक के लिए पंजीकरण एक प्रक्रिया होगी। जिसमें एक व्यक्तिक को राष्ट्रीय क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर जाकर समर्पित अनुभाग के माध्यम से खुद को स्वयंसेवक के रूप में पंजीकरण कराने आवश्यकता होगी। स्वयंसेवक कुछ अनिवार्य व्यक्तिगत विवरण देने होंगे, जैसे अपना पूरा नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस, और आवासीय पता आदि दर्ज करना होगा।

कब और कहा-कहा लागी की जाएगी प्रक्रिया

ये कार्यक्रम पहले जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा में शुरू किया जाएगा और अनुभव के आधार पर इसे आगे बढ़ाया जाएगा। हालाँकि राष्ट्रविरोधी गतिविधियां क्या हैं इसे लेकर कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है। यूएपीए यानी (गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत सरकार उन लोगों पर मुकदमें दर्ज करती है जिन पर राष्ट्र-विरोध के आरोप होते हैं।

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