जेके पुलिस और एसएसबी की संयुक्त नाका पार्टी पर श्रीनगर के नौगाम में स्वतंत्रता दिवस के एक पहले 14 अगस्त को हमला किया गया जिसमे दो जवान पुलिस के शहीद हुए। जिसके बाद सीआरपीएफ और पुलिस की संयुक्त नाका पार्टी पर हमला हुआ जो बारामुला के क्रीरी पट्टन में पर तैनात थी। इस हमले में भी सुरक्षाबलों को भारी नुकसान हुआ और दो सीआरपीएफ, एक पुलिस का एक एसपीओ शहीद हुए। आतंकियों ने अपने हमले की रणनीति में बदलाव करके सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाया है जिसमे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया जा रहा है। इस रणनीति तहत आतंकी उस वक़्त हमला करते जब जवान तैनाती में व्यस्त होते हैं।
मौजूदा वर्ष में घाटी में 150 से ज्यादा आतंकी मारें जा चुके हैं। वहीं सेना लगातार कई ऑपरेशन भी चला रही है जिसकी वजह से नए स्थानीय आतंकी भर्ती नहीं हो रहे हैं। इस वजह से निराश आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर नई रणनीति से हमला करने का प्लान बनाया है। जिससे एक बार भी फिर अपनी मौजूदगी घाटी में दिखा सके। बताया जा रहा है इस वक़्त आतंकियों के पास हथियारों की भी कमी है जिसकी वजह से वो हमलों के बाद राइफल छीनने की भी कोशिश करते हैं।