मां पार्वती और शिव जी के मिलन की हरियाली तीज 13 अगस्त यानी कल (सोमवार) को है. वहीं अगर तीज के त्योहार अच्छे से मनाना चाहते हैं तो एक दिन पहले रविवार को तीज की तैयारी कर लेनी चाहिए. बता दें, 130 साल बाद इस बार तीज का अद्भुत अच्छा संयोग बना है.
वहीं हम एक दिन पहले तीज की तैयारी और मेहंदी की रस्म के बारे में बता रहे हैं. पति के नाम की मेहंदी एक दिन पहले रचाई जाती है. तीज के त्योहार में मेहंदी का बहुत बड़ा महत्त्व होता है. सुहागिन महिलाएं मायके जाकर हाथों में मेहंदी रचाती है और झूले झूलती हैं.
इस बार तीज क्यों महत्वपूर्ण है?
– इस बार सावन के सोमवार को तीज का त्यौहार पड़ा है इसलिए इसका महत्त्व बढ़ गया है.
– सावन का सोमवार बहुत पवित्र होता है.
– शिव जी तीज की हर मनोकामना जरूर पूरा करेंगे.
– धन, ऐश्वर्य और पति के प्यार का कारक ग्रह शुक्र माना जाता है.
– तीज पर हर कन्या और महिला को मेहंदी जरूर लगानी चाहिए.
ये है मेहंदी लगाने का शुभ मुहूर्त
12 अगस्त रविवार दोपहर 2 बजे से आज रात 12 बजे तक मेहंदी लगा सकते हैं. लेकिन शाम 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक मेहंदी न लगाएं.
तीज पर सुहागिन महिलाओं को क्या करना चाहिए?
पति यानी सुहाग की रक्षा के लिए मेहंदी रचाई जाती है. तीज पर सुहागिन महिलाएं मां पार्वती की पूजा करती हैं. बता दें, तीज का मतलब तीन चीजों का त्याग करना होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं तीन बातों का प्रण लेती हैं.
1. पति से छल कपट नही करेंगी.
2. पति से झूठ और दुर्व्यवहार नही करेंगी.
3. किसी पराय की निंदा नही करेंगी.
तीज पर मेहंदी लगाने का क्या महत्त्व होता है?
– हरियाली तीज से एक दिन पहले मेहंदी लगाई जाती है.
– रविवार यानी आज के दिन मेहंदी लगाएं.
– मेहंदी लगाने से बुध और शुक्र ग्रह बलवान होता है.
– असली मेहंदी के पत्तो का घोल सिर, पंजो, हथेली और तलवो में लगाने से शांति का अनुभव होता है.
– महिलाएं शांत रहती हैं, चिड़चिड़ापन दूर होता है और क्लेश नहीं करती हैं.
– घर के सभी सदस्यों को प्यार करती हैं.
– जोड़ो के दर्द में भी मेहंदी से आराम मिलता है.
तीज में इस बार क्या खास करें ?
– सावन सोमवार को तीज है.
– गुलाबी जोड़ा या वस्त्र धारण करें.
– गुलाबी ही चुन्नी पहनें.
– गुलाबी इत्र लगाएं.
– गुलाबी लाल और हरी चुड़ियां धारण करें.
– गुलाबी लिपस्टिक लगाएं.
– आपके सुहाग की रक्षा होगी.
– इससे आपकी पति और बच्चों की आयु बढ़ेगी.
– कुंवारी कन्या की शादी होगी.
– सुहागिन महिलाएं और कुवांरी कन्या सोमवार को दोपहर से शाम तक सज-धजकर शिव मंदिर जाएं.
– रोली सिंदूर और गुलाब का इत्र जरूर चढ़ाएं.
– बताशे खीर, सूजी हलवा चढ़ाएं.
– बेलपत्र, धतूरा, चावल सफेद बर्फी चढ़ाकर शंकर जी का दूध जल से अभिशेख करें.
– पूजा में सफेद फूल का ही इस्तेमाल करें.
– जूही, चमेली और गुलाब का फूल भी चढ़ा सकते हैं.