देश में कोरोना की दूसरी लहर बेहद विकराल रूप ले चुकी है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि भारत में संक्रमण के तेजी से फैलने की चार वजह है। इनमें कोरोना के नए प्रकारों का फैलाव, पहले संक्रमित हो चुके लोगों में इम्युनिटी का खत्म होना। कोरोना वायरस में दोहरे बदलाव (डबल म्यूटेशन) और कोरोना गाइडलाइन के पालन में भारी लापरवाही करना है।
हाल ही में प्रकाशित सीएसआईआर की प्रयोगशाला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के शोध में दावा किया गया कि एक बार कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों में छह महीने बाद जब रोग प्रतिरोधक क्षमता के स्तर की जांच की गई तो 70 फीसदी में ही न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबॉडीज पाई गईं जो दोबारा संक्रमण को रोकने में सक्षम है जबकि 30 फीसदी लोगों में यह लगभग समाप्त होती पायी गयी।
आईजीआईबी के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि अगर तीन लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं तो आगामी छह महीने बाद उनमें से एक व्यक्ति फिर से संक्रमित हो सकता है। वहीं बाकी दो लोगों को भी कोरोना का संरक्षण कब तक मिलेगा यह स्पष्ट नहीं है क्योंकि अध्ययन छह महीने के अंतराल पर 24 शहरों में संक्रमित हो चुके लगभग दो सौ लोगों पर किया गया। किया गया है।
30 प्रतिशत लोग दोबारा खतरे की जद में
विशेषज्ञों के मुताबिक यह शोध इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली में हुए सिरो सर्विलांस में पाया गया था कि दिल्ली की करीब 60 फीसदी आबादी कोविड-19 की चपेट में आ चुकी है,क्योंकि उनमें एंटीबॉडीज पाई गई थी। वहीं आईजीआईबी द्वारा किया गया शोध बताता है कि छह महीने के बाद इनमें से 30 प्रतिशत लोग एक बार खतरे की जद में आ चुके हैं। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के निदेशक प्रोफेसर जुगल किशोर के मुताबिक कोरोना के जिस तरह के मामले ब्रिटेन में पाए गए उसी तरह के मामले, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली सहित कई राज्यों में पाए गए हैं। देश में जिस तरह से कोरोना केस तेजी से बढ़ रहा है उससे साफ है कि ब्रिटेन का प्रकार तेजी से देश में फैल चुका है।
सक्रिय वायरस में भी बदलाव
इसी प्रकार इसका फैलाव अफ्रीकी प्रकार में भी देखा जा रहा है। हालांकि ब्राजील प्रकार के मामले सीमित हैं। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में सक्रिय वायरस में भी बदलाव हो रहे हैं। प्रोफेसर किशोर कहते हैं कि तेज संक्रमण की एक प्रमुख वजह है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी आना, वहीं लोगों में अब कोरोना वायरस का डर भी खत्म हो चुका है, वहीं कोरोना गाइड लाइन का पालन न करना भी इसके फैलाव की प्रमुख वजह है , इसके अतिरिक्त कोरोना का टीका आने के बाद भी लोगों में इसका डर ख़त्म हो गया है।