ऑटो रिक्शा चलाने वाले का बेटा कैसे बना टीम इंडिया का तेज गेंदबाज, जानिए

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मोहम्मद सिराज इन दिनों अपनी गेंदबाजी के कारण लगातार चर्चा बटोर रहे हैं. लेकिन बहुत कम ही लोग हैं, जो मोहम्मद सिराज के संघर्ष और उनके करियर के बारे में जानते हैं. आज हम अपनी इस रिपोर्ट के जरिए आपको मोहम्मद सिराज के करियर के साथ ही उनकी फैमिली और संघर्ष के बारे में भी बताएंगे.

पिता थे रिक्शा चालक

13 मार्च साल 1994 को मोहम्मद सिराज ने एक गरीब परिवार में जन्म लिया. उनके पिता का नाम मोहम्मद गौस सिराज था. जो एक ऑटो रिक्शा चालक थे. उन्होंने अपने परिवार को पालने के लिए पूरी मेहनत लगन से काम किया, और ऑटो चलाकर बच्चों के साथ परिवार का भी भरण-पोषण करते थे. सिराज की मां दूसरों के घरों में नौकरानी के तौर पर काम करती थीं.

मोहम्मद सिराज का एक भाई है, जिसका नाम इस्माइल सिराज है. मोहम्मद सिराज का बचपन काफी तंगहाली में बीता, लेकिन उनके पिता ने सिराज के हर सपने को साकार होने  में उनका पूरा साथ दिया. भले ही गौस सिराज की कमाई ज्यादा नहीं थी, लेकिन उन्होंने मोम्मद सिराज के सपने को जिंदा रखा. मोहम्मद सिराज सिर्फ 7 वर्ष के थे जब उन्हें क्रिकेट खेलने का जुनून चढ़ा. बेटे के क्रिकेट सपने को पूरा करने के लिए गौस सिराज ने किसी तरह महंगी किट का इंतजाम किया.

पंचर बनवाने के लिए दोस्त से मांगते थे पैसे

एक शो के दौरान जब सिराज से पूछा गया कि यह सुनने में आया था कि एक समय आपकी सैलरी 500 रुपए थी,क्या यह सही है? सिराज ने कहा,

“हां, सिराज से कहा गया कि 500  रुपए करोड़ रुपए. क्या कह सकते हैं इसके बारे में बताइए. मोहम्मद सिराज ने फिर कहा कि पहले मैं मामा के साथ जाता था. उनके साथ खेलता था एक मैच में मैंने 9 विकेट ले लिए थे. तब मामा ने खुश होकर 500 रुपए दिए थे. मैं 500 रुपए उस समय मुझे बहुत काम आए थे.”

सिराज ने बताया कि

“हमारे पिता ऑटो चलाते थे. रोज के 70 रुपए देते थे. बड़े भाई को 100 रुपए देते थे. वह इंजीनियर था. मेरे पास प्लैटिना बाइक थी तो 60 रुपए का तो 1 लीटर पेट्रोल डल जाता था. 10 रुपए बचते थे कहीं गाड़ी पंचर हो गई तो दोस्तों को बुलाना पड़ता था. उनसे उधार लेना पड़ता था. उनको बोलता था कि भाई आज दे दो कल दे दूंगा.”

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