चीन की बनी कोरोना वैक्सीन पर दुनिया को भरोसा नहीं, पाकिस्तान में भी लोग नहीं कर पा रहे हैं विश्वास

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चीन के सबसे खास दोस्त पाकिस्तान में चीनी वैक्सीन का ट्रायल जरूर हो रहा है लेकिन वहां की आम जनता को चीन की वैक्सीन को एक प्रतिशत भी भरोसा नहीं है। चीन ने पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण फैलाकर वैक्सीन बनाई और मोटी कमाई के बारे में सोचा था। यही वजह है कि, उनसे वैक्सीन का भंडार करके रखा हुआ है। चार वैक्सीन उसके पास तैयार हैं, छह फार्मूले तैयार है, लेकिन उस वैक्सीन पर दुनियाभर के देश भरोसा ही नहीं कर पा रहे हैं। चीनी वैक्सीन का ट्रायल ब्राजील, पाकिस्तान, सऊदी अरब, तुर्की, इंडोनेशिया जैसे कई देशों में चल रहा है। लेकिन इन देशों के अधिकारी और सर्वे बता रहे हैं कि, करोड़ों लोगों से बात की गई लेकिन किसी ने भी इस चीनी वैक्सीन पर भरोसा नहीं जताया।

पाकिस्तान में रहने वाले फरमान अली शाह का वैक्सीन को लेकर कहना है कि, वो चीनी वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, क्योंकि मुझे वैक्सीन पर थोड़ा सा भी भरोसा नहीं है। चीन भले ही पाकिस्तान में अब तक करोड़ों-अरबों रुपये निवेश कर चुका है। दुनिया पाकिस्तान और चीन की दोस्ती को जानती है लेकिन पाकिस्तान की जनता चीन की वैक्सीन पर भरोसा नहीं कर पा रही है। ब्राजील में 50 प्रतिशत लोगों ने चीनी वैक्सीन लगवाने से साफ़ इंकार कर दिया है। 36 प्रतिशत लोग रुसी वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हैं। चीन चाहता है कि, दुनिया भर के ज्यादा से ज्यादा देश उसकी वैक्सीन इस्तेमाल करें, जिससे उसका रुतबा बढ़े।

वहीं दुनिया में महामारी देने वाले चीन पर अब लोगों ने भरोसा करना ही बंद कर दिया है। महामारी के दौर में भी चीन ने सिर्फ मोटी कमाई की है। कई बड़े देशों को PPE किट के नाम पर चीन ने करोड़ों का चूना लगाया है। उन्हें एक दम घटिया क्वालिटी की किट दी गईं थी। इसके आलावा उसने ख़राब मास्क और कोरोना टेस्ट किट कई देशों को निर्यात किये थे। महामारी के दौर चीन ने दुनिया के साथ किया है। उसकी वजह से अधिकांश देश उससे नाराज हैं। विश्व के 16 देशों में चीनी वैक्सीन का ट्रायल फ़िलहाल चल रहा है।

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