जज्बा: हर रोज नदी पार कर स्कूल पहुँचती है यह शिक्षिका, पिछले 11 वर्षों से इसी तरह बच्चों को पढ़ाती है

11

किसी भी सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों के पास अपने काम को सही तरीके से नहीं करने का हजारों बहाने होते हैं। ऐसे बहुत कम हीं लोग मिलेंगे, जो अपने कर्तव्यों को निर्वहन अच्छे से करते हैंं। आज हम बात करेंगे एक ऐसी शिक्षिका की, जिसने तमाम परेशानियों को झेलने के बाद भी अपने अभी तक के नौकरी के दौरान एक भी छुटियाँ नहीं ली और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की कोशिश कर रही हैं।

कौन है वह महिला?

हम बिनोदिनी सामल (Binodini Samal) की बात कर रहे हैं, जो मूल रुप से ओडिशा (Odisha) के ढेंकनाल जिला की रहने वाली है। 49 वर्षीय बिनोदिनी सामल, पेशे से एक शिक्षिका है। पिछ्ले 11 सालों से यानी कि 2008 से शिक्षा से जुड़ी हुई हैं और बच्चों को पढाने का काम करती है। उनके अंदर बच्चों को शिक्षित करने का नेक इरादा है, जिसके कारण वह अपने पर्सनल काम को छोड़ देती हैं लेकिन स्कूल जाना कभी नहीं छोड़ती है।

नदी पार करके रोजाना जाती है स्कूल

बिनोदिनी सामल (Binodini Samal) पिछ्ले 11 वर्षो से जिस सपुआ नदी को पार करके स्कूल जाती है, उस नदी पर अभी तक पुल नहीं बन पाया है। एक खास बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह इस बातचीत के माध्यम से ओडिशा सरकार की ध्यान नदी पर पुल बनवाने के लिए आकर्षित करवाना चाहती है। नदी पर पुल नहीं रहने के वजह से उन्हें बरसात के मौसम में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.