जब पैसे लेने बैंक पहुंची लाश, बैंक प्रबंधक के उड़ गए होश, देने पड़ गए 10 हजार रूपए

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यहां पर हम आपको बताते चले कि विगत 5 जनवरी को महेश यादव की  मृत्यु हो गई थी। वे आजीवन अविवाहित रहे। जिसके चलते उनका कोई नॉमिनी नहीं रहा। उनके बैक  में तकरीबन 1 लाख रूपए जमा थे। इस बीच असमय उनका निधन हो गया।  वहीं, हालात ऐसे भी बन गए कि  अंतिम संस्कार के लिए पैसे तक नहीं थे। इसके बाद आसपड़ोस के लोगों ने उस बैंक में संपर्क किया, जहां उनका खाता था, लेकन बैंक ने नॉमिनी न होने के अभाव में पैसे देने से साफ इनकार कर दिया, जिससे खफा हुए लोग आक्रोश में आकर महेश की लाश लेकर बैंक पहुंच गए और बैंक कर्मी से  इनके खाते में रखे पैसों के निकासी की मांग करने लगे।   यह सब दृश्य देखकर बैंककर्मियों के होश फाख्ता हो गए।  उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और क्या न करें।

जहां एक तरफ बैंक में महेश यादव की लाश पड़ी हुई थी तो वहीं लोगों के जेहन में आक्रोश भी दिख रहा थ। फिर, जैसे तैसे बैंक प्रबंधक ने लोगों को समझाया और उनके गुस्से को शांत करने की कोशिश की। इसके बाद फिर बैंक प्रबंधक ने  लोगों को फौरन 1 हजार रूपए देकर महेश यादव का अंतिम संस्कार करने को कहा। दरअसल,  55  वर्षीय महेश शर्मा आजीवन अविवाहित रहे जिसके चलते उनकी कोई संतान न हुई। वहीं, जब उनका निधन हुआ तो उनकी आर्थिक हालात कुछ इस कदर संजीदा हो गई कि उनके पास अंतिम संस्कार कराने के पैसे तक नहीं थे, लेकिन जब लोगों को महेश के खाते में तकरीबन 1 लाख रूपए होने की बात पता चली तो वे महेशा के शव को लेकर बैंक पहुंच गए।

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