यहां आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि देश के अरबपत्तियों से लेकर गरीबों तक का पेट भरने वाले किसानों के लिए खुद का पेट पालना भी मुश्किल हो जाता है। एक सर्वे के मुताबिक, देश के किसान की एक वर्ष की औसत आय महज 77,124 रूपए है, जो किसी कॉरपोरेट कंपनी में काम करने वाले किसी युवा फ्रेशर से भी कम है। मतलब साफ है कि देश के गरीब किसानों की आय महज 6 हजार के आस पास बैठती है। ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी हर छोटी बड़ी जरूरतों के लिए महाजनों सहित बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसका कर्जा समय पर चुकता न करने पर अन्नदाताओं को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ता है।
अगर इस स्थिति को राज्यवार समझने की कोशिश करें तो पूरे देश में पंजाब के किसानों की आय सर्वाधिक है। इसके बाद हरियाणा। वहीं अगर सबसे कम आय वाले किसानों की बात करें तो बिहार और बंगाल के किसानों की आय सबसे कम है। पंजाब, हरियाणा के बाद जम्मू-कश्मीर, गुजरात और महाराष्ट्र के किसानों की आय सबसे ज्यादा है। इस फेहरिस्त में और भी कई राज्य है। केरल के बाद कर्नाटक आता है, जहां के किसानों की सालाना औसत कमाई 1,05,984 रुपये है। वहीं, गुजरात के किसानों की औसत आय 95,112 है तो वहीं महाराष्ट्र के किसानों की औसत आय 88,620 है।
इसके साथ ही अगर मध्य भारत की बात करें तो राजस्थान के किसानों की औसत आय 88,188 है। मध्यप्रदेश के किसानों की औसत आय 74,508 है। छत्तीसगढ़ के किसानों की औसत आय 62,124 रूपए है। ओडिशा के किसानों की औसत आय 59,712 रूपए है। पश्चिम बंगाल के किसानों की औसत आय 47,760 रूपए है। झारखंड के किसानों की सालाना औसत आय 56,652 रूपए है।
इन राज्यों का हाल बेहाल
वहीं, देश के सबसे कम आय वाले किसानों की बात करें तो बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल है। इन तीन राज्यों के किसानों की सालाना औसत आय सबसे कम है। उत्तर प्रदेश के किसानों की औसतन सालाना आय सिर्फ 58,944 है। बिहार के किसानों की औसत आय 42,684 है।