जान लें बेलपत्र को शिवलिंग पर कैसे चढ़ाएं – भगवान शिव को सावन मास में बहुत ही सरलता से प्रसन्न किया जा सकता है। प्राचीन काल से ही भोलेनाथ की पूजा में उन्हें बेलपत्र को अर्पित किया जाता है। किंतु इसे चढ़ाने के कुछ नियम होते है जिनका पालन आवश्यक है अन्यथा भक्त को उसका लाभ नही मिल पाता, आइये जाने उन नियमो को।
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मित्रों बेलपत्र के वृक्ष की पत्ती और फल दोनो को ही शिव जी पर अर्पित किया जाता है। आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि बेलपत्र कभी बासी नही होता। इतना ही नही स्कन्द पुराण के अनुसार इसे धोकर पुनः प्रयोग किया जा सकता है। शिव जी पर इसे 3 पत्तियों के समूह में अर्पित किया जाता है।
इससे कम या ज्यादा पत्तियों को शिव जी पर नही अर्पित किया जाता है। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए भोलेनाथ पर अर्पित की जाने वाले बेलपत्र कभी कटे फटे या फिर उन में छेद न हो। अन्यथा भक्त को उसका लाभ नही मिलता।
यदि कोई भक्त भोलेनाथ से संतान प्राप्ति या अन्य किसी विशेष इच्छा की पूर्ति के लिए कामना कर रहा हो तो पेलपत्र पर चंदन से ॐ नमः शिवाय लिखकर दाएं हाथ की अनामिका और अंगूठे से शिवलिंग पर अर्पित करें। बेलपत्र कभी भी सोमवार के दिन नही तोड़ना चाहिए। सोमवार की शिव पूजा के लिए आप एक दिन पहले ही इसे तोड़कर रख ले। भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते है।