हिमाचल प्रदेश के ऊना के थाथल गांव में शालिनी रहती हैं। उनके पिता HRTC में एक बस कंडक्टर हैं। शालिनी बचपन में ही सोच लिया था कि उन्हें पुलिस में जाना है मगर उसकी तैयारी कैसे करनी है यह बताने वाला कोई नहीं था। शालिनी कहती हैं कि बचपन से ही उनके माता-पिता ने उनके सपने को पूरा करने में उनकी मदद की।
शालिनी की दादी कहती हैं कि वह बचपन में लड़कियों के साथ नहीं बल्कि लड़कों के साथ खेल खेला करती थी। शालिनी का स्कूल में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा था। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक पढाई धर्मशाला से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय चली गईं।
“All dreams are achievable, no matter where you come from and what your background is.”#FridayMotivation from Ms. Shalini Agnihotri, for whom a stranger’s comment changed the course of her life & she went on to become the Best IPS trainee. https://t.co/ldbpPAUY5Y
— Maneka Sanjay Gandhi (@Manekagandhibjp) August 3, 2018
स्नातक स्तर की पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने मई 2011 में यूपीएससी परीक्षा दी, परीक्षा में, उनको अखिल भारतीय स्तर पर 285 वीं रैंक मिली। इसके बाद वह दिसंबर 2012 में हैदराबाद में प्रशिक्षण में गईं। शालिनी अपनी मेहनत से न सिर्फ एक IPS अधिकारी बनीं, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण (65 वें बैच) के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु के खिताब से भी नवाजा गया। उन्हें देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंडर प्रशिक्षु अधिकारी होने के लिए भी सम्मानित किया गया था।