प्लास्टिक चावल कहीं आप भी तो नहीं खा रहे, और इसे पहचाने कैसे असली है या नकली? :- आज हम बात करेंगे प्लास्टिक चावल कहीं आप भी तो नहीं खा रहे, और इसे पहचाने कैसे असली है या नकली बात मुद्दे की है चलिये जानते हैं। प्लास्टिक चावल दिखने में बिल्कुल असली चावल की तरह हीं दिखता है। और ये पकने के बाद भी आप प्लास्टिक चावल और असली चावल में फर्क नहीं कर पाएंगे की कौन असली है और कौन नकली है।
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असली चावल के साथ मिलाकर बाजारों में बिकने वाला यह चावल, असली चावल में इस तरह मिला दिया जाता है, कि आप इसके रूप, रंग, आकार और यहां तक कि स्वाद में भी फर्क नहीं कर पाएंगे तो ये है प्लास्टिक के चावल के खासियत।
लेकिन क्या आप को पता है इस अनोखी दुनिया मे चंद पैसों के लिए जहां इंसान की जान की कोई कीमत नहीं, तभी तो बाजार मे धड़ल्ले से बेचा जाता है, और कीमत हमे चुकानी पड़ती है। आप को पता है इस चावल को खाने से आप कैंसर जैसी भयानक बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
लेकिन उससे पहले आप पेट के शिकार हो सकते हैं, जी हाँ पेट की बीमारियों से। एक कटोरी प्लास्टिक के चावल, एक बैग पॉलीथिन के बराबर होता है। जरा सोचिए प्लास्टिक या पॉलीथिन को खाने के बाद, पेट की क्या हालत होगी? प्लास्टिक ना तो पचता है, और ना ही सड़ता है। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं।
इन सभी दुष्परिणामों से बचने के लिए इस चावल की पहचान करना बेहद जरूरी है। अब सवाल उठता है, आखिर कैसे पहचानें प्लास्टिक के चावल को तो चलिये जानते हैं।
अगर दो तरह के नकली चावलों को एक साथ मिलकर देखेंगें, तो सारे चावलों की मोटाई और आकार, एक जैसा ही दिखाई देगा।
जब आप चावल को ध्यान से देखेंगे तो प्लास्टिक के चावल असली चावल की तुलना में ज्यादा चमकीला नजर आएगा।
नकली चावल का वजन असली की तुलना में हल्का होता है, इसीलिए तौलने पर नकली चावल की मात्रा अधिक होगी।
चावल को पकाते वक्त उसे सूंघ कर देखें। पकते वक्त, बिल्कुल प्लास्टिक की तरह महकेगा। नकली चावल बिल्कुल साफ सुथरा होगा, जबकि असली चावल में कहीं न कहीं धान की भूसी मिल हीं जाएगी।
पानी मे भिगोते वक्त ध्यान रखें, प्लास्टिक चावल पानी में नहीं तैरता क्योंकि यह सौ फीसदी प्लास्टिक नहीं होता, क्योंकि इसमें आलू और शकरकंद भी मिला होता है। जबकि कुछ असली चावल पानी में तैरते हैं।