फ्रेश सब्जी पहचानने के तरीके

 सही पहचान न होने की वजह से कई बार हम ताजी और बासी सब्जियों में फर्क नहीं कर पाते. अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या है तो ये कुछ टिप्स पढ़ लें. इसके बाद कभी भी खराब सब्जियां या भाजी नहीं खरीदेंगे.

 

टिप्‍स

भिंडी लेते समय एक भिंडी को तोड़कर देख लें. मुलायम और ताजी भिंडी टूट जाएगी. वहीं अगर भरवां भिंडी बनानी है तो छोटे साइज की लें. ताजी भिंडी रोएंदार होती है.

– टमाटर लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे ज्यादा लाल न हों. अधपके टमाटर लें. क्योंकि कुछ दिनों के बाद पक जाएंगे.

– अगर टमाटर खटाई के लिए ले रहें हैं तो देसी टमाटर लें. देसी टमाटर आकार में छोटे और गोल होते हैं. जबकि बड़े और हाईब्रिड वाले टमाटर सुंदर और ज्यादा लाल होते हैं. ताजा टमाटर की पहचान उस के मुंह पर हरा डंठल होना है.

– चुकंदर खरीदने से पहले यह जरूर देख लें कि उनका रंग गहरा होना चाहिए. ऊपरी परत बैगनी और कटी-फटी न हो.

– अगर हलवा बनाना है तो मोटी और बड़े साइज की गाजर का चुनाव करें. गाजर तोड़कर देखें अगर झटके से टूट जाए तो गाजर ताजी है. अगर मुड़ जाए तो गाजर बासी है. वहीं सलाद के लिए मीडियम साइज की गाजर लें.

– ताजा खीरा सख्त होता है जो दबाने से दबता नहीं है. अगर हल्का पीला है तो न खरीदें. क्योंकि यह पका हो सकता है. खीरा मीडियम साइज का ही लें तो बेहतर है.

– मूली मध्यम आकार की खरीदें. बहुत बड़ी मूली कम स्वादिष्ट होती है.

– भरवां करेले बनाने के लिए हमेशा गोल और छोटे आकार वाले खरीदें. अगर काटकर सब्जी बनानी हो तो बड़े और लंबे साइज वाले लें. पीले रंग के केले न खरीदें.

– पालक दो तरह की होती हैं. देशी और कटवां. देशी पालक के पत्ते बड़े और लंबे होते हैं. ये थोड़े मोटे भी होते हैं. कटवां पालक छोटी होती है, जिस के पत्ते चारों तरफ से कटे दिखाई देते हैं. पालक लेते समय यह जरूर देख लें कि पत्तों पर धारी न हो.

– इसी तरह से बथुआ खरीदते समय ध्यान रखें कि वह साफ हो. ताजा बथुआ थोड़ा कड़क होता है, बासी होने पर वह मुलायम हो जाता है.

– मेथी खरीदते समय देख लें कि उस की पत्तियां गोल हों और उसमें छेद न हों. जड़ सहित उखड़ी मेथी न लें अन्यथा उस का ज्यादातर भाग बेकार चला जाएगा. जब मेथी में फूल आने लगते हैं तो उस के पत्ते पक जाते हैं और उन का कड़वापन बढ़ जाता है.

– धनियापत्ती खरीदते समय देख लें कि उस में जड़ या डंठल ज्यादा तो नहीं है. मोटे डंठल वाली धनियापत्ती न लें, क्योंकि उन डंठलों को फेंकना पड़ता है. साथ ही फूल वाली धनियापत्ती न लें. बल्कि साफ-सुथरी धनियापत्ती ही लें. पीले पत्तों वाली धनियापत्ती लेने से बचें.

– पुदीना पत्ती खरीदते समय देख लें कि ताजे हों. पत्तों का रंग हरा हो, पीला न हो. पत्तों के डंठल अधिक मोटे न हों. यह भी जांच लें कि कहीं पत्तों में कीड़े तो नहीं लगे हैं. चटनी बनानी हो तो मोटे पत्ते वाली पुदीनापत्ती लें.

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