बीते शुक्रवार को मोर्चा द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी, जिसमे उनकी ओर से कहा गया है कि वो पश्चिम बंगाल के किसानों से अपील करते हैं कि वो बीजेपी को वोट न दें और उसका बहिष्कार करें। इन चुनाव में बीजेपी की करारी होगी तभी केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस लेगी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि इन चुनाव में हम किसी भी दल का समर्थन नहीं कर रहे हैं और न ही किसी एक पार्टी को मत देने के लिए कह रहे हैं।
हमारा सिर्फ एक मकसद है कि बस बीजेपी को सबक सीखना। योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारी बातों को सरकार के कानों तक पहुंचने के लिए आगामी चुनाव में बीजेपी को नुकसान होना जरुरी है। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने बीजेपी पर सरकार आरोप लगाते हुए कहा कि देश को कुछ कॉरपोरेट्स के हाथों में बेचने की कोशिश सरकार द्वारा की जा रही है।
लोगों से अपील है कि वो सोच समझकर अपने मताधिकार का सही प्रयोग करें। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 26 नवंबर से कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला।