मायावती और शरद पवार के चुनाव नहीं लड़ने पर, शिवसेना ने किया यह खुलासा, झूम झठे भाजपाई

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दांव पेंच चलने वाले दो बड़े नेताओं एक बसपा सुप्रीमो मायावती और दूसरा एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना बड़ा संकेत दे रहा है इसका खुलासा किया है एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने। शिवसेना ने अपने मुख्य पत्र “सामना” में इसको लेकर बड़ा खुलासा कर दिया है जिससे भाजपा नेताओं और समर्थकों में जरूर खुशी होगी।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा कि पवार और मायावती का चुनाव ना लड़ना इस बात का संकेत है कि नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में जीतकर लौटने का रास्ता साफ है। संपादकीय में कहा गया है कि शरद पवार के साथ मायावती ने भी लोकसभा चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर है

एनसीपी प्रमुख पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि पवार पूरे विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अपने परिवार और पार्टी सदस्यों को एकजुट नहीं कर सके। जबकि मायावती का हवाला देते हुए शिवसेना ने कहा कि वह देशभर में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करना चाहती हैं इसलिए उन्होंने खुद चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है।

साथ ही यह भी लिखा गया है कि बसपा की मौजूदगी केवल उत्तर प्रदेश में है और चुनाव ना लड़ने के फैसले का मतलब है कि वह चुनाव लड़ने से भाग रही हैं। ‘सामना’ में दावा किया गया कि पवार ने भी माढ़ा लोकसभा सीट से इसी तरह भगाने का रास्ता चुना।

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