रक्षाबंधन के दिन लगने वाली है भद्रा, आखिर क्यों माना जाता है भद्रा काल को अशुभ ,जानिए किस मुहूर्त में बांधे राखी

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रक्षाबंधन के त्यौहार पर हर बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती है वही भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के रिश्ते का त्योहार माना जाता है। वहीं इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार 11 अगस्त 2022 को पड़ रहा है। रक्षाबंधन का त्यौहार 11 अगस्त यानि कल गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। वहीं इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा लगने वाली है जो कि बिल्कुल भी शुभ नहीं मानी जाती हैं । भद्रा में कोई भी बहन अपने भाई को राखी नहीं बांधे बहुत ही बुरा माना जाता है भद्रा में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आइए आगे आर्टिकल में जानते हैं कि भद्रा काल को अशुभ क्यों माना जाता है। दरअसल इसका ताल्लुक शनिदेव से जुड़ता है आइए जानते हैं आखिर भद्रा का ताल्लुक शनिदेव से क्या है।

भद्रा शनिदेव की है बहन

आपको बता दें भद्रा शनिदेव की बहन है भद्रा सूर्य देव की पुत्री हैं और शनि देव की बहन है। जिसके चलते भद्रा को बहुत क्रोध आता है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तीनों लोकों में भ्रमण करती रहती हैं। वही जब भद्रा पृथ्वी लोक पर आती हैं तो तहलका मच जाता है। भद्रा जब पृथ्वी पर आती है तो कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। भद्रा का रक्षाबंधन से भी बहुत गहरा नाता है। पौराणिक कथा के अनुसार लंका नरेश रावण की बहन सुपनखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी जिसका परिणाम उन्हें बहुत बुरा भुगतना पड़ा है। रावण का सर्वनाश हो गया था। इसीलिए कोई भी बहन अपने भाई को भद्रा काल में राखी ना बांधे। आइए जानते हैं इस बार कौन सा शुभ मुहूर्त है रक्षाबंधन का और किस समय भद्रा लगने वाली हैं।

जानिए रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त-11 अगस्त रात 8:52 से रात 9:14 तक।
रक्षाबंधन के दिन भद्रा पूंछ -11 अगस्त 2022 यानी कल रात 5:17 से 6:18 तक।

रक्षाबंधन के दिन भद्रा मुख-शाम 6:18 से 8:00 बजे तक।

भद्रा समाप्ति-11 अगस्त 2022 के दिन रात 8: 51 पर होगी।

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