रवि शास्त्री ने मानी अपनी गलती,

भारतीय टीम सीरीज के तीसरे और आखिरी मुकाबले में क्लीन स्वीप से बचने के इरादे से मैदान पर उतरेगी. इसके अलावा शास्त्री ने कहा कि सीरीज में 0-2 से पिछड़ने का मुख्य कारण ‘विदेशी हालात’ हैं.

भारतीय कोच ने अभ्यास सत्र के बाद कहा, ‘‘ हम घरेलू परिस्थिति से परिचित है. हमें अपनी सरजमीं पर जूझना नहीं चाहिये था लेकिन हम वहां भी जूझे और अच्छी वापसी की. मैं कहना चाहूंगा कि यहां अभ्यास के लिये 10 दिन और मिलते तो काफी बदलाव होता.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम कोई बहाना नहीं बनाना चाहते, हम जिस पिच पर खेले वह दोनों टीमों के लिये थी और मैं उस बात पर ध्यान देना चाहूंगा की दोनों टेस्ट में हमने 20 विकेट लिये. जिससे हमें दोनों मैचों में जीतने का मौका मिला. अगर हमारा टॉप ऑर्डर चला तो तीसरा मैच भी अच्छा होगा.’’

शास्त्री से टेस्ट मैचों के विशेषज्ञ खिलाड़ियों को पहले भेजे जाने के बारे में भी पूछा गया. उनसे यह भी पूछा गया कि इस साल इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर क्या खिलाड़ियों को परिस्थितियों से अभ्यस्त होने के लिये पहले भेजा जायेगा.

उन्होने कहा, ‘‘ एक विचार था कि टेस्ट विशेषज्ञों को पहले भेजा जाये लेकिन फिर टीम एक साथ नहीं होगी. ऐसे विचारों को पीछे रखकर मैं कहना चाहूंगा की आगे से किसी दौरे पर टीम को दो सप्ताह पहले भेजा जाये.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से इस बार कार्यक्रम ऐसा था कि श्रीलंका के खिलाफ हमारे मैच थे. लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि आगे से टीम का कार्यक्रम तय करते समय इन बातों का ख्याल रखा जायेगा. इसमें कोई शक नहीं है कि आपको दौरे पर दो सप्ताह पहले पहुंचना चाहिये.’’

श्रृंखला के पहले दो टेस्ट मैचों के बारे में शास्त्री ने गेंदबाजों की तारीफ करते हुये कहा कि उन्होंने नंबर एक टीम के गेंदबाजों की तरह प्रदर्शन किया.

उन्होंने कहा, ‘‘ किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि हमारे गेंदबाज ऐसी गेंदबाजी करेंगे और 20 विकेट लेंगे. इस दौरे का सबसे बड़ी सकारात्मक चीज यही है. हम यहां अपनी गलतियों से सीखने आये हैं.’’

भारतीय टीम कभी भी साउथ अफ्रीका में सीरीज 0-3 से नहीं हारी है. शास्त्री ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में टीम का मनोबल ऊंचा है क्योंकि टीम विदेशी हालात में मैच जीतने के मौके बना रही है.

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