सोयाबीन खाने के चमत्कारी फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे महिलाये नजर अंदाज न करे :- सोयाबीन में अधिक मात्रा में प्रोटीन होने के कारण इसका पोषक मान बहुत अधिक होता है.प्रोटीन के साथ-साथ इसमें विटामिन और खनिज तथा विटामिन बी और विटामिन ई काफी अधिक मात्रा में होता है.जो शरीर निर्माण के लिए आवश्यक एमिनो ऐसिड प्रदान करते है.सोया प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस से भरपूर आहार का सेवन रजोनिवृत्त महिलाओं में हड्डियों को कमजोर होने और हड्डियों के क्षरण से संबंधित बिमारी ओस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा सकता है
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सोयाबीन द्वारा विभिन्न रोगों में उपचार-
1.मानसिक रोगों में- सोयाबीन में फॉस्फोरस इतनी होती है कि यह मस्तिष्क तथा ज्ञान-तन्तुओं की बीमारी जैसे मिर्गी हिस्टीरिया याददाश्त की कमजोरी सूखा रोग और फेफड़ो से सम्बन्धी बीमारियों में उत्तम पथ्य का काम करता है.सोयाबीन के आटे में लेसीथिन नमक एक पदार्थ तपेदिक और ज्ञान तन्तुओं की बीमारी में बहुत लाभ पहुंचता है.भारत में जो लोग गरीब है या जो लोग मछली आदि नही खा सकते है उनके लिए यह मुख्य फास्फोरस प्रदाता खाद्य पदार्थ है इसको खाना गरीबों के लिए सन्तुलित भोजन होता है
2.दिल के रोग में– इस में 20 से 22 प्रतिशत वसा पाई जाती है.सोयाबीन की वसा में लगभग 85 प्रतिशत असन्तृप्त वसीय अम्ल होते हैं.जो दिल के रोगियों के लिए फायदेमंद है इसमें लेसीथिन नामक प्रदार्थ होता है. जो दिल की नलियों के लिए आवश्यक है यह कोलेस्ट्रांल को दिल की नलियों में जमने से रोकता है
3.हड्डी के कमजोर होने पर– सोयाबीन हडि्डयों से सम्बन्धित रोग जैसे हडि्डयों में कमजोरी को दूर करता है.इस को अपनाकर हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं अस्थिक्षारता एक ऐसा रोग है जिसमें हडि्डयां कमजोर हो जाती हैं.और उसमें फैक्चर हो जाता है हडि्डयो में कैल्श्यिम की मात्रा कम हो जाती है
4.पेट में कीड़े– इस की छाछ पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं
5.मूत्ररोग– इसका रोजाना सेवन करने से मधुमेह के रोगी का मूत्ररोग बार-बार आने का रोग ठीक हो जाता है