क्सर लोग यही कहते हैं कि भगवान की जो मर्जी है वही हो रहा है, अल्लाह की रहमत होते हैं बच्चे, ईश्वर की कृपा है। ऐसी बातों को कहकर लोग अक्सर अपना पल्ला झाड़ लेते है।
वहीं दूसरी और कुछ लोग अपने दो बच्चों को पालने के लिए भी जी तोड़ मेहनत करते हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
जिले के बटियागढ़ थाने के पाड़ाझिर गांव में एक परिवार ने अपने 16 बच्चे के जन्म की खुशियां मनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। लोग पूरी धूमधाम से बच्चे के आने की खुशी की तैयारियों में जुटे हुए थे, लेकिन अचानक खबर आई कि बच्चे को जन्म देने के साथ ही मां और बच्चे दोनों की मौत हो गई।
डॉक्टरों के मुताबिक मृतक सुखरानी की उम्र 45 साल है। महिला ने शनिवार को अपने 16 बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन इसके कुछ घंटों बाद ही नवजात बच्चे और मां दोनों की हालत बिगड़ने लगी। जिसके बाद इलाज के दौरान मां और बच्चे दोनों ने ही दम तोड़ दिया।
हैरान करने वाली बात यह है कि मृतक सुखरानी सोलहवीं बार मां बनने वाली थी और इससे पहले उनके 4 लड़के और 4 लड़कियां अभी जीवित है। इसके अलावा उनके दो बच्चों की शादी हो चुकी है। वही उनके 7 बच्चों की मौत भी हो चुकी है। खबरों की माने तो सुखरानी के मरने वाले बच्चे बीमारी के चलते चल बसे हैं।
परिजनों के मुताबिक सुखरानी की हमेशा नॉर्मल डिलीवरी ही हुई थी। परिजनों ने इस मामले को लेकर अस्पताल कर्मियों पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है। वह इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संगीता त्रिवेदी ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही प्राथमिक रूप से दोषी पाए जाने पर उन्होंने सेक्टर सुपरवाइजर को निलंबित भी कर दिया है।
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संगीता त्रिवेदी ने बताया कि यह महिला का सोलहवा बच्चा था और आठवें महीने में ही बच्चे का जन्म हो गया था। ऐसे में जन्म के कुछ देर बाद ही मां और बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और ज्यादा खून बह जाने के कारण महिला की मौत हो गई।
वहीं कुछ देर बाद नवजात बच्चे ने भी दम तोड़ दिया। फिलहाल मामले की जांच चल रही है जांच के बाद ही पूरा मामला साफ हो पाएगा।