केंद्र सरकार की ओर से दी गई। देश की राजधानी में कहीं सामुदायिक संक्रमण तो शुरू नहीं हुआ, यह पता करने के लिए सीरो सर्वे कराया गया। इसके मुताबिक 22.86 फीसदी आबादी इस वायरस की चपेट में आ चुकी है। बाकी 77 फीसदी आबादी भी सुरक्षित नहीं है और उन्हें सावधान रहने की जरूरत है।
- भारत में फिलहाल 4,02,529 सक्रिय केस हैं जबकि 7,24,577 लोग ठीक हो चुके हैं।
- देश में 10 लाख की आबादी पर 837 मामले हैं। मृत्युदर भी 20.4 है, जो कि काफी कम है।
- 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 10 लाख की आबादी पर प्रतिदिन 140 से अधिक टेस्ट कर रहे हैं। देश में मृत्यु दर घटकर अब 2.43 फीसदी हो गई है।
- इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहां कम मृत्युदर का श्रेय एम्स और देश के चिकित्सकों को जाता है।
- देश में 30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पॉजिटिविटी रेट राष्ट्रीय औसत से कम है। देश में पॉजिटिविटी रेट 8.07 फीसदी है।
- स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण ने कहा कि देश में प्रति लाख मृत्यु दर दुनिया की तुलना में काफी कम है
- कोरोना के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए टेस्टिंग बहुत जरूरी है। हमारा लक्ष्य पॉजिटिविटी रेट को 5 फीसदी से कम रखना
दिल्ली में सीरो सर्वे
- नेशनल सेंटर आफ डिसिज कंट्रोल के निदेशक डॉक्टर संजीव कुमार सिंह ने दिल्ली की स्थिति की जानकारी दी।
- दिल्ली में वायरस का सामान्य प्रसार देखने के लिए सीरो सर्वे किया गया। संक्रमितों के शरीर में बने एंटी बॉडी का असर कब तक रहेगा, यह कहना अभी मुश्किल है।
- करीब छह महीने में 22.86 फीसदी लोग ही इस वायरस से संक्रमित हुए हैं।
- दिल्ली में 77 फीसदी जनता के लिए भी संक्रमण का जोखिम काफी ज्यादा है।
- दिल्ली के 11 में से 8 जिलों में 20 फीसदी से ज्यादा जनसंख्या में इस वायरस का प्रसार हो चुका है। शाहदरा, सेंट्रल, उत्तर और पूर्वोत्तर में यह दर 27 प्रतिशत रही।
- दिल्ली में बेहतर कंटेनमेंट और टेस्टिंग से कोरोना के प्रसार को कम करने में मदद मिलेगी।
- नीति आयोग के मुताबिक सीरो सर्वे 27 जून से लेकर 10 जुलाई के बीच के भीतर था। सर्वे में जून के तीसरे हफ्ते के आंकड़े लिए गए थे।
- स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली के हालात वह काफी हद तक संतुष्ट हैं।
- एनसीडीसी के मुताबिक एक स्तर के बाद वायरस का संक्रमण कम होता जाता है। सीरो सर्वे को वायरस के प्रसार की संभावना से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है।