अब मात्र 30 सेकेंड में आवाज से पता चल जाएगा आप कोरोना पॉजिटिव हैं या नहीं?

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हालंकि इस बीच कोविड -19 की जांच में तेजी लाने के लिए भारत और इजराइल एक खास तरह की रैपिड टेस्टिंग किट विकसित करने पर लगे हैं जो महज 30 सेकेण्ड में अपना रिजल्ट दे देगी। इस किट का ट्रायल राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में किया जा रहा है। जी हां इजराइल के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित 30 सेकंड में कोरोना वायरस का पता लगाने वाले चार तकनीकों का मूल्यांकन डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किया जा रहा है।

इस नई तकनीक के ट्रायल में लगभग 10 हजार लोगों का दो बार टेस्ट किया जाएगा। एक बार गोल्ड स्टैंडर्ड मॉलिक्युलर आरटी-पीसीआर टेस्ट और फिर चार इजराइली तकनीकों का उपयोग करके ये जांचा जाएगा कि क्या ये नवाचार सही से काम करेंगे। इस टेस्ट किट में लोगों को एक श्वासनली जैसे उपकरण के सामने झटका देना या बोलना होगा बस इतना करने से ही मशीन टेस्ट के लिए नमूना एकत्र कर लेगी।

वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह ट्रायल सफल होता है तो न सिर्फ लोगों को महज तीस सेकेंड में कोरोना का रिजल्ट मिल जाएगा। बल्कि ये प्रौद्योगिकियां व्यवसायों के लिए भी सुरक्षित मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इस किट के विकसित हो जाने से लोग वैक्सीन विकसित होने तक कोरोना वायरस के साथ जीने में सक्षम भी हो सकेंगे।

भारत में कोरोना टेस्ट है बड़ी समस्या 

इजराइली बयान के मुताबिक इसमें एक श्वास विश्लेषक और आवाज परीक्षण (वॉयस टेस्ट) शामिल हैं। एक इजराइली बयान में यह जानकारी दी गई है।  इनमें से दो टेस्ट लार के सेंपल की जांच के बाद मिनटों में परिणाम देंगे। तीसरे तरीके में इंसान की आवाज से ही पता लगाया जा सकेगा कि वह कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। चौथे तरीके में सांस नमूने के रेडियो वेव से संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा।

बयान में कहा गया है। आरएमएल अस्पताल परीक्षण स्थलों में से एक है, जिसने चार अलग-अलग प्रकार की तकनीकों का परीक्षण शुरू किया है, जिसमें कोरोना वायरस का पता लगाने की क्षमता 30 सेकंड से कम है। गौरतलब है कि भारत की आबादी के लिहाज से कोरोना टेस्ट भी एक बड़ी समस्या है।

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