गौर करने वाली बात यह है कि सुंगाग गांव के घरों में शौचालय हैं, और इस गांव में पर्यटकों की आवाजाही भी न के ही बराबर है, इसके बावजूद मस्जिद तोड़कर शौचालय बनाना सरकार की मंशा को स्पष्ट करता है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि गांव में सार्वजनिक शौचालय की कोई जरूरत नहीं है। चीन शिंजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों को हमेशा से प्रताड़ित करता आ रहा है। चीन उनकी संस्कृति और सभ्यता को पूरी तरह समाप्त करना चाहता है, इसलिए मस्जिदों को निशाना बनाया जा रहा है। शिंजियांग में लगभग 70 प्रतिशत मस्जिदों को नष्ट किया जा चुका है।
इससे पहले चीन ने अजना मस्जिद को भी गिरा दिया था। इस मस्जिद की जगह पर शराब और सिगरेट की दुकान खोली गई है, जिनका प्रयोग इस्लाम में प्रतिबंधित है। इसी प्रकार होटन शहर स्थित एक और मस्जिद को ध्वस्त करके वहां अंडगारमेंट की फैक्ट्री शुरू करने की कोशिश को अंजाम दिया गया।
उइगर मानवाधिकार प्रोजेक्ट के मुताबिक, बीजिंग ने पिछले तीन वर्षों में शिंजियांग में 10,000 से 15,000 मस्जिदों को नष्ट कर दिया है। पिछले साल प्रकाशित गार्जियन की एक रिपोर्ट में सैटेलाइट चित्रों के आधार पर कहा गया था कि चीन ने टकलामकान रेगिस्तान स्थित मुस्लिम धार्मिक स्थल को गिरा दिया है, यह धार्मिक स्थल होटन की मुस्लिमों आबादी के बीच बहुत लोकप्रिय था। मस्जिद गिराने जाने के बाद से यह स्थान वीरान पड़ी हुई है।