प्राचीन मंदिर को तोड़े जाने पर मोहम्मद इरशाद बलूच का कहना है कि पूजा स्थल को ढहा दिया गया यह अन्याय है। यह पुराना मंदिर था जिसे हम बचपन से देखते आ रहे थे। हीरा लाल का कहना है कि हमे बिल्डर ने हमे पूरा आश्वासन दिया गया था कि मंदिर को नहीं गिराया जाएगा, लेकिन रविवार की देर शाम मंदिर ढहा दिया गया।
मीडिया से बात करते हुए स्थानीय निवासी हरेश ने बताया कि कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन लगे होने की वजह से किसी को भी मंदिर आने की अनुमति नहीं थी। जिसका लाभ बिल्डर ने उठाया और प्राचीन मंदिर को ढाह दिया।
स्थानीय लोगों की मांग है कि हनुमान मंदिर को दोबारा बनाया जाये। लोगों का कहना है कि बिल्डर ने उनसे वादा किया था कि वो उन्हें वैकल्पिक आवास देगा और मंदिर भी नहीं तोड़ेगा लेकिन उसने मंदिर तोड़ दिया। पाकिस्तान में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही है जिसमे अल्पसंख्यक को परेशान किया जा रहा है।
उन्हें पूजा करने से रोका जाता है, उनकी लड़कियों का अपहरण करके उनका धर्म परिवर्तन कर उनकी जबरन शादी की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं।