कोरोना संक्रमण ने मार्च माह आते ही दोबारा दस्तक दे दी है। देश में लगातार संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों में दशहत है। वहीं एक वर्ष पहले आज (22 मार्च) के ही दिन जनता कर्फ्यू लगाया गया था। एक वर्ष बाद आज 22 मार्च को कोरोना की रफ्तार पिछले वर्ष की तुलना ज्यादा घातक है। कई राज्यों में संक्रमण अपने विकराल रूप में आ चुका है, जिसकी वजह से कई राज्यों में नाईट कर्फ्यू और लॉकडाउन दोबारा लगाया जा चुका है। देश में रोजाना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे में देश मेंस कोरोना के 46,951 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 212 मरीजों की मौत हुई है।
देश में लगभग 150 दिनों बाद संक्रमण के मामले इतनी बड़ी संख्या में सामने आए हैं। इससे पहले देश में 6 नवंबर को कोरोना संक्रमण के 47,000 मामले सामने आये थे। देश में अब तक संक्रमण के 1,16,46,081 मामले सामने आ चुके हैं। 1 फरवरी को को जहां देश में 9,353 संक्रमण के मामले आए थे, वहीं 20 मार्च को संक्रमित मरीजों की संख्या 43,815 पर पहुंच गई। इसका मतलब है कि संक्रमण के मामलों में 368 प्रतिशत का उछाल हुआ है। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मरीजों की मौतों की संख्या बढ़ने लगी है। महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा में संक्रमण के नए मामलों में तेजी देखने को मिल रही है।
एक्सपर्ट्स की माने तो देश में संक्रमण बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है लोगों की लापरवाही। संक्रमण के मामले कम होते देख लोगों ने सभी नियम कानून मानना बंद कर दिया। मास्क लगाना भूल गए, सामजिक दूरी का पालन नहीं किया। वहीं 16 जनवरी के बाद देश में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का जब अभियान शुरू हुआ तो लोगों को लगा कि अब तो संक्रमण खत्म हो चुका है लेकिन सच कुछ और था। संक्रमण इस ही लापरवाही का इंतजार कर रहा था, जिसने देश और दुनिया में दोबारा तबाही मचाना शुरू कर दिया है।