यहाँ पर जो चाय के लिए कागज का कप आजकल इस्तेमाल हो रहा है उस पर स्टडी की गयी है जिसमे पता चलता है कि इसके ऊपर हल्की प्लास्टिक परत तो होती ही है साथ में मोम से चिकनापन भी दिया जाता है जिससे कि जब एक आदमी चाय पीता है.
इससे शरीर को वही सेम नुकसान हो रहे है जो कि प्लास्टिक के कप से हो रहे थे. इससे जब आदमी दिन में दो बार चाय पीता है तो व्यक्ति के शरीर में 75 हजार तक सूक्ष्म कण प्लास्टिक से जुड़े हुए चले जाते है. ये काफी अधिक हानिकारक होते है और शरीर को काफी अधिक नुकसान भी देते है. ये जब पेट के अन्दर जमा होते है तो फिर आंतो में अल्सर पैदा कर सकते है जो कैंसर तक का कारक बन सकती है.
ऐसे में जरूरी है कि हम इन चीजो पर सावधानी बरतनी शरू कर दे और जितना हो सके हम स्टील के बने हुए कप में या फिर कांच के बने हुए कप में ही चाय पीना शुरू कर दे क्योंकि इनके नुकसान अपने आप में काफी बड़े और गंभीर है जो एक बार बढ़ने शरू हो जाते है तो फिर ये रूकने का नाम नही लेते है.