प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति अविभाषण के धन्यपवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा, “भारत को सशक्त और समृद्ध भारत बनाने के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा, यह मानव कल्याण में एक भूमिका अदा कर सकेगा। यह किसी शासन व्यवस्था या राजनेता का विचार नहीं है। आज हिंदुस्तान के हर कोतने में ‘वोकल फ़ॉर लोकर’ का नारा सुनाई दे रहा है”।
कोरोना से बचाने में डॉक्टर और नर्स भगवान बनकर आए थे
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की एक बात का जवाब देते हुए कहा कि, “मनीष तिवारी जी ने कहा कि भगवान की कृपा से हम कोरोना में बच गए। मैं इस पर कहना चाहूंगा कि यह भगवान की ही कृपा है कि दुनिया हिल गई और हम बच गए। डॉक्टर और नर्स भगवान का रूप बनकर आए थे। वो डॉक्टर और नर्स अपने छोटे-छोटे बच्चों को कहकर आते थे कि जल्द लौटूंगा”।
प्रधानमंत्री मोदी आगे कहा कि, “हम कोरोना से जीत पाए क्योंकि हमारे सफाई कर्मचारी मौत और ज़िंदगी से जूझते हुए बीमार मरीज़ के पास थे। कोई एंबुलेंस चलाने वाला ड्राइवर कोरोना पॉजिटिव मरिज़ को ले जाता था, वो भी भगवान का रूप था। भगवान अलग-अलग रूपों में आए थे और जितना देश की सफलता का गौरवगान करेंगे, उससे हमारे भीतर भी एक नई ताक़त पैदा होगी। जिन पर लोगों में निराशा फैल चुकी है वो भी इस पर सोचें उनमें भी ऊर्जा आ जाएगी”।
प्रधानमंत्री ने कहा अफ़वाहों के शिकार हैं प्रदर्शनकारी किसान
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कृषि सुधार का सिलसिला बहुत आवश्यक है। बरसों से जो कृषि क्षेत्र चुनौती का सामना कर रहा है, उसको लेकर ईमानदारी से काम करने की ज़रूरत है। कांग्रेस के साथियों ने इस कानून के कलर पर भी खूब चर्चा की। अच्छा होता उसके कंटेंट, उसके इंटेंट पर चर्चा करते। देश के किसानों पर भी सही चीज़ पहुंच सकती थी। दादा (अधीर रंजन चौधरी) ने भी भाषण दिया लेकिन वो ज्यातर इसी पर बोलते रहे कि प्रधानमंत्री बंगाल की यात्रा कर रहे हैं। खैर चुनाव के बाद आपके पास मौका होगा”।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, “दिल्ली के बाहर जो किसान बैठे हैं, वो अफ़वाहों और धारणाओं के शिकार हुए हैं। आंदोलन कर रहे सभी किसान साथियों की भावनाओं का यह सदन भी और यह सरकार भी आदर करती है, और आदर करती रहेगी”। उन्होंने कहा कि सरकार के वरिष्ठ मंत्री लगातार उनसे वार्ता कर रहे हैं कि इसमें कोई कमी हो और सरकार का कोई नुकसान हो तो उसे बदलने में क्या जाता है”।
कांग्रेस के वॉकआउट पर प्रधानमंत्री ने कसा तंज
जिस वक्त प्रधानमंत्री भाषण दे रहे थे उस वक्त विपक्ष के सांसद नाराजगी जताते हुए हंगामा करने लगे, इस पर मोदी ने तंज कसते हुए कहा, “यह हो हल्ला ये रुकावटें सोची समझी रणनीति के तहत हैं। यह रणनीति है कि जो झूठ फैलाया गया है उसका पर्दाफाश हो जाएगा”। प्रधानमंत्री ने कहा कि, “नए कृषि कानून किसी के लिए भी बंधन नहीं हैं, यह विकल्प हैं और इसके विरोध का कोई कारण नहीं बनता है।
पीएम मोदी के इसी भाषण के दौरान कांग्रेस के सांसदों ने पहले तो संदन में हंगामा किया और फिर उसके बाद उन्होंने सदन से वॉकआउट किया।